रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले की एसआइटी ने जांच शुरू कर दी है। सरकार ने नान घोटाले की जांच के लिए आइजी एसआरपी कल्लूरी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया है। कल्लूरी ने 11 सदस्यीय टीम को जिम्मेदारी बांट दी है। अब 110 पेज की नान डायरी की जांच शुरू की गई है।
पूर्व के जांच अधिकारियों ने अभी तक डायरी के सिर्फ पांच पेज की जांच की है। कोर्ट ने भी एसीबी को जांच के बाद पूरक चालान पेश करने का निर्देश दिया है। ईओडब्ल्यू-एसीबी के आला अधिकारियों ने बताया कि एसआइटी टीम की पहली बैठक मुख्यालय में हुई। इसमें कल्लूरी ने अधिकारियों को जांच के बिंदु तय करने के साथ ही जिम्मेदारियों का भी बंटवारा किया।
नान घोटाले में साढ़े पांच करोड़ रुपये नगद बरामद हुए थे। इसके साथ ही नान डायरी भी बरामद हुई थी। कांग्रेस सरकार ने आरोप लगाया है कि नान डायरी में बड़े लोगों के बचाने के लिए जांच पूरी तरह नहीं की गई। इसके बाद पूरे मामले की जांच एसआइटी ने शुरू की है।
रायपुर। हुनरमंद को दरकार की जरूरत नहीं होती, रब की इनायत में उसका नाम तख्तोताज पर लिखा होता है। न उसके हुनर को बढ़ती उम्र रोक पाती है, न ही आम इंसान। बस अपनी कला को आम जनों तक पहुंचाने का मकसद लिए कलाकार आगे बढ़ता जाता है। जी हां, बात हो रही है ऐसे शख्स की, जिनकी आवाज और अदाकारी के देश और दुनिया में दीवाने हजारों हैं। नाम है पीयूष मिश्रा।
कुदरत की दी अनोखी आवाज और दिलचस्प अदाकारी ने युवाओं को उनकी ओर खींच लिया है। गुरुवार को मुक्तकाश मंच पर आयोजित चार दिवसीय नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन बॉलीवुड कलाकार पीयूष मिश्रा पहुंचे। उनके लिखे नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’ का मंचन किया गया।
मौके पर पीयूष ने बातचीत में कहा कि आज जो आप नाटक देख रहे हैं, वह ऐसे युवा का है, जिसे आप भगत सिंह के नाम से जानते हैं। देश और पड़ोसी देश पाकिस्तान में नेहरू, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल पर विरोध दिखाई देता है, लेकिन भगत सिंह ऐसी शख्सियत हैं, जिनके विचारों को दोनों देश मान रहे हैं।
हाल ही में पाकिस्तान में भगत सिंह का चौक बनवाया गया। कारण भी है ऐसा युवा जो पूरी तैयारी के साथ फांसी पर लटका, ताकि लोग जाग सके। रही बात मेरी तो मेरे जीवन का सूत्र है- मुझे अहंकार से नहीं विनम्रता से ख्याति मिली है। गुजरे जमाने की बात करूं तो मेरे अंदर अंहकार की कोई सीमा नहीं थी। हर व्यक्ति मुझे मूर्ख नजर आता था। मैंने अपना लहजा बदला और आठ- नौ साल में लोग मुझे पसंद करने लगे।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बच्चों ने देशभर में अपनी वीरता का परचम लहराया है। डूबते दोस्तों और पराए लोगों के लिए सहारा बने ये बच्चे किसान-मजदूर के बेटे हैं। इन्हें 26 जनवरी को राजपथ पर शौर्य का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। राज्य से राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों में नगरी ब्लाक के ग्राम भुरसीडोंगरी धमतरी निवासी श्रीकांत गंजीर (10 वर्ष) कक्षा छठवीं, पूर्व माध्यमिक शाला विवेकानंद नगर रायपुर के कक्षा आठवीं के दो छात्र रितिक साहू (उम्र 11) और झगेन्द्र साहू (उम्र 13) शामिल हैं।
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