रायपुर। केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी खरीदी के लिए जो जेम पोर्टल बनाया है उससे छत्तीसगढ़ के सरकारी विभाग अब सामग्री क्रय नहीं कर पाएंगे। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि जेम से पहले प्रदेश में जो व्यवस्था लागू थी उसे ही दोबारा लागू किया जाएगा। सरकार छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम 2002 में संशोधन करेगी और प्रदेश स्तर पर सरकारी खरीदी के लिए एक अलग पोर्टल बनाएगी।
जब तक पोर्टल बन नहीं जाता है तब तक सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदी की जाएगी। कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि स्थानीय उद्योगों का मदद मिले और ज्यादातर सरकारी खरीदी स्थानीय स्तर पर ही हो। इसीलिए अलग पोर्टल बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि नया पोर्टल तैयार होने में चार-छह महीने का वक्त लगेगा। तब तक सीएसआईडीसी से जैसे जेम के पहले खरीदी होती थी वैसे ही अब भी होगी।
सीधी भर्ती में कोरबा भी शामिल-
राज्य सरकार पहले से ही बस्तर और सरगुजा संभाग के आदिवासी बहुल जिलों में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की सीधी भर्ती स्थानीय स्तर पर करती रही है। अब सरगुजा और बस्तर संभाग के अलावा कोरबा जिले में भी सीधी भर्ती की जाएगी। राज्यपाल ने इस संबंध में जो अध्यादेश जारी किया है उसे दो साल के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।
भूमि डायवर्सन की अलग प्रक्रिया बनेगी-
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में भूमि डायवर्सन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। भूमि के डायवर्सन के लिए कई प्रकार की अनुमति की जरूरत होती है। इस प्रक्रिया को सरल कर नया फार्मूला बनाया जा रहा है। कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में बिजली बिल हाफ करने पर कोई चर्चा नहीं हुई।