Saturday, 19 April 2025

 
 
नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का शनिवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली।
परिजनों के मुताबिक, उनका लंबे समय से स्वास्थ्य खराब चल रहा है, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में मेट्रों की सौगात देने के लिए हमेशा से याद की जाने वाली शीला दीक्षित गांधी परिवार की करीबी थीं।
15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने वालीं शीला दीक्षित 1984 से 89 तक वे उत्तर प्रदेश के कन्नौज क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं। वह राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं।
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ है। शीला दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की है। उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी विनोद दीक्षित से हुआ था। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे। शीला दीक्षित एक बेटे और एक बेटी की मां हैं। उनके बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद हैं।

 नई दिल्ली ।  बिहार और असम राज्य भारी बारिश के बाद बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। दोनों राज्यों में बुधवार तक मरने वालों की संख्या 94 पहुंच गई। बिहार में 12 जिलों के 46.83 लाख लोग प्रभावित हैं, जबकि 67 लोगों की मौत हुई। अकेले सीतामढ़ी में 17 और मधुबनी में 11 लोग मारे गए। वहीं, असम में 29 जिलों के 57 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। यहां 27 लोग जान गंवा चुके हैं।
असम मौसम विभाग के मुताबिक, ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां गुवाहाटी समेत राज्य के ज्यादातर जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य में रेड अलर्ट जारी किया गया है। केंद्र सरकार ने राहत और बचाव के लिए 251.55 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
असम में 1.50 लाख बेघर
असम में ढुबरी के असिस्टेंट जेलर सीके हलोई ने कहा कि जिला जेल में पानी भर गया है। डीएसपी अनंत लाल ज्ञानी के आदेश पर 409 कैदियों को अस्थायी तौर पर गर्ल्स कॉलेज में शिफ्ट किया गया। 1.50 लाख बेघर हो गए। प्रशासन ने सभी के लिए 427 राहत कैम्प और 392 राहत सामग्री वितरण केंद्र लगाए।
बिहार के सीतामढ़ी की सबसे गंभीर स्थिति
बिहार के सीतामढ़ी में 17, अररिया में 12, मधुबनी में 11, शिवहर में 9, पूर्णिया में 7, दरभंगा में 5, किशनगंज में 4 और सुपौल में 2 लोग जान गंवा चुके हैं। सबसे गंभीर स्थिति सीतामढ़ी की है, जहां की 176 पंचायतों की 17 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अररिया के नौ प्रखंडों की 124 पंचायतें जलमग्न हैं। यहां 9.24 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
फिलहाल, 1.14 लाख लोगों ने 137 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टीमों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है।

 
नई दिल्ली- राहुल गाँधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा वापस लेने से इनकार करते हुए एक चिट्ठी लिखी. यह चिट्ठी कांग्रेस के लोगों के लिए है, लेकिन इसमें आरएसएस, बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर ज़ोरदार हमले किए और उन्हें भारतीयता के सिद्धान्तों के ख़िलाफ बताया. पढ़िए वह चिट्ठी। 
अध्यक्ष होने के नाते 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए मैं ज़िम्मेदार हूँ. भविष्य में  पार्टी के विकास के लिए ज़िम्मेदार तय होना ज़रूरी है, इसी वजह से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ दे दिया है। 
पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कड़े फ़ैसले लेने की ज़रूरत है, 2019 की हार के लिए कई लोगों को ज़िम्मेदार ठहराना होगा। यह अनुचित होगा कि दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराऊँ और पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी की अनदेखी करूँ। 
कई सहयोगियों ने मुझे सलाह दी कि मैं कांग्रेस पार्टी का अगला अध्यक्ष मनोनीत करूँ. यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी किसी को अध्यक्ष चुने, लेकिन यह मेरे लिए ठीक नहीं होगा कि मैं यह चुनाव करूँ. हमारी पार्टी का गौरवशाली अतीत रहा है, इसकी समृद्ध विरासत रही है, वह संघर्ष और निष्ठा की रही है और मैं उसका बेहद सम्मान करता हूँ। 
मेरा संघर्ष राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए सामान्य लड़ाई नहीं रहा है. मेरे मन में बीजेपी के लिए कोई नफ़रत या ग़ुस्सा नहीं है, पर मेरा रोम रोम भारत के प्रति बीजेपी के विचारों के विरुद्ध रहा है. यह विरोध इसलिए है कि मेरे अस्तित्व में ही उनके विचारों से सीधा टकराव है. यह टकराव नया नहीं है, हमारे देश की सरज़मीन पर यह टकराव हजा़रों साल से चलता आ रहा है. जहाँ वे विभेद देखते हैं, मैं समानता देखता हूँ, वे घृणा देखते हैं, मैं प्रेम देखता हूँ. वे जिनसे डरते हैं, मैं उन्हें अपना लेता हूँ। 
निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव के लिए यह ज़रूरी है कि देश के संस्थान तटस्थ रहें, चुनाव पंचों के बिना निष्पक्ष नहीं हो सकता… ये हैं स्वतंत्र प्रेस, निष्पक्ष न्यायपालिका और एक पारदर्शी चुनाव आयोग जो तटस्थ हो। 
हमने 2019 में किसी एक राजनीतिक दल के ख़िलाफ़ चुनाव नहीं लड़ा था. हम भारतीय राज्य की मशीनरी से लड़े, जिसकी सारी संस्थानों को विपक्ष के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया गया. यह बिल्कुल साफ़ हो गया है कि संस्थानों की जिस तटस्थता पर हमें नाज़ था, वह अब भारत में नहीं रही। 
आरएसएस का उद्येश्य हमारे देश की संस्थानों पर कब्जा कर लेना है. इस तरह देश की सत्ता पर कब्जा कर लेने से अकल्पनीय हिंसा होगी. इसका सबसे ज़्यादा नुक़सान किसानों, बेरोज़गार युवाओं, महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों को उठाना होगा. अर्थव्यवस्था और देश की प्रतिष्ठा पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ेगा. प्रधानमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप उनके जीत जाने से ख़त्म नहीं हो जाते, पैसे और प्रचार के बल पर सच की किरण को नहीं छिपाया जा सकता। 
देश की संस्थानों को फिर से पाने और उनमें प्राण फूँकने के लिए  भारतीय राष्ट्र को एकजुट होना होगा। इसका ज़रिया कांग्रेस पार्टी बनेगी। 
इस महत्वपूर्ण काम के लिए कांग्रेस पार्टी को ख़ुद को बिल्कुल बदल देना होगा. आज बीजेपी भारत की जनता की आवाज़ को सुनियोजित तरीके से तहत दबा रही है. यह कांग्रेस पार्टी की ज़िम्मेदारी है कि वह देश के लोगों की आवाज़ के पक्ष में खड़ी हो। भारत कभी भी एक आवाज़ नहीं रहा है और न यह ऐसा हो सकता है. यह हमेशा कई आवाज़ों का मिश्रण रहा है। भारत माता का मतलब यही है। 
मैं अपनी पूरी ताक़त से कांग्रेस पार्टी के मूल्यों के लिए लड़ता रहूँगा. मैं किसी तरह की सलाह और जानकारी के लिए हमेशा तैयार रहूँगा. यह देश के लोगों की आदत है कि वे सत्ता पा कर उससे चिपक जाते हैं, कोई सत्ता का त्याग नहीं करता है. पर हम एक गंभीर सैद्धांतिक लड़ाई लड़े बग़ैर और सत्ता पाने की इच्छा का त्याग किए बिना अपने विरोधियों को हरा नहीं सकते. मैं एक कांग्रेसी के रूप में पैदा हुआ और पार्टी मेरे लिए हमेशा जीवन को संचालित करने वाले ख़ून की तरह रही है और आगे भी रहेगी। 

 
 दिल्ली । छत्तीसगढ़ के गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू 2 दिवसीय दिल्ली दौरे पर है. दौरे के दूसरे दिन पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल से शास्त्री भवन के संस्कृति मंत्रालय में मुलाकात की. मुलाकात के दौरान पर्यटन मंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन संस्कृति के विकास के लिए केंद्र से सहयोग को लेकर चर्चा की.
मुलाकात के बाद पर्यटन मंत्री वहाँ होने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग संगठन की बैठक में भी शामिल होंगे. बैठक में आगामी 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी होगी व चुनावी मैदान में संघर्ष के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. गृहमंत्री बैठक खत्म होने के बाद आज शाम 8 बजे तक रायपुर वापस लौटेंगे.
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