पुराने मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया था।
रायपुर। 15 वर्षों से राज्य में जमी भाजपा की सरकार को बाहर कर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में राजनीति के केंद्र पर आई है। 68 विधायकों के साथ पार्टी ने अपनी सरकार बनाई है। सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस के जन घोषणा पत्र को अमली जामा पहनाने का काम शुरू हुआ। इसी क्रम में किसानों की कर्ज माफी, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, टाटा के प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई किसानों की जमीन उन्हें लौटाने जैसे कदम नई सरकार ने उठाए।
इसके साथ ही नान घोटाले जैसे मामलों की दबी फाइल भी सरकार ने खुलवाई। पुराने मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया था
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने पिछले दिनों एक ट्विट कर इसे बदलापुर की राजनीति कहा था। इस ट्विट का जवाब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ट्विट से ही दिया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार द्वारा किए जा रहे काम को बदलापुर की राजनीति नहीं, बदलावपुर की राजनीति कहा है। सीएम ने ट्विट में लिखा-
'किसानों की कर्जमाफी क्या बदलापुर की राजनीति है? धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये देना क्या बदलापुर की राजनीति है? आदिवासी किसानों को उनकी जमीन वापस लौटाना क्या बदलापुर की राजनीति है? साहेब! यह बदलापुर नहीं, 'बदलावपुर' है।'
रायपुर । उत्तर भारत में चल रही शीतलहर ने छत्तीसगढ़ में भी असर दिखाना शुरू कर दिया है। कंपकंपा देने वाली ठंड के चलते पूरा प्रदेश इन दिनों ठिठुर रहा है। आलम यह कि रविवार को राजधानी रायपुर में ठंड का दस साल पुराना रिकार्ड टूट गया और न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री तक जा लुढ़का। वैसे रायपुर में औसत न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेलिसयस रहता है। इसके पहले सन 2014 की दिसंबर में न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था।
प्रदेश में सबसे अधिक ठंड अंबिकापुर में है। बस्तर के ग्रामीण इलाकों में पारा 5 डिग्री तक गिर गया है। हाड़ कंपा रहे जाड़े से बचने के लिए दिन में भी अलाव जल रहे हैं। लोग बिना गर्म कपड़ों के घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
चिल्फी के जंगलों में टूटा ठंड का कहर
कवर्धा जिले के चिल्फी घाटी में न्यूनतम तापमान दो डिग्री तक पहुंच गया है। चिल्फी में सुबह घासफूस व हरी पत्तियों पर ओस की बूंदें जमकर सफेद बर्फ की चादर सी बन गईं। रविवार को समूचा वनांचल बर्फ की चादर से ढंका दिखा। शीतलहर का आलू, टमाटर, गोभी, अरहर, मिर्ची की फसल पर विपरीत असर पड़ रहा है।
बिलासपुर में टूटा आठ साल का रिकार्ड
बिलासपुर में ठंड ने आठ साल का रिकार्ड तोड़ा है। बिलासपुर का न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। संभाग के पेंड्रारोड इलाके में दोपहर की धूप भी नाकाफी साबित हो रही है। पारा 4.5 डिग्री तक पहुंच गया है। दिन की शुरूआत सुबह 9 बजे के बाद हो रही है जबकि शाम ढलने से पहले लोग घरों में दुबक जा रहे हैं। ठंड की वजह से सुबह और शाम सैर करने वाले गायब हो गए हैं।
कहां कितना तापमान
स्थान अधिकतम न्यूनतम
रायपुर 24.2 8.9
अंबिकापुर 18.7 4.4
बिलासपुर 23.8 7.2
पेंड्रारोड 22.2 4.5
जगदलपुर 24.7 6.3
अभी जारी रहेगा ठंड का सितम
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक पश्चिम विक्षोभ और कम दबाव के क्षेत्र के कारण उत्तरी प्रांतों में पश्चिम से पूर्व की दबाव बढ़ रहा है। इससे छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग शीतकालीन बारिश से प्रभावित हैं। आने वाली शुष्क ठंडी हवाएं देश के मध्यवर्ती एवं उत्तरी भाग में शीतलहर की स्थिति पैदा कर रही हैं। राजधानी रायपुर भी शीतलहर की चपेट में है। हिमालय क्षेत्र में लगातार बर्फबारी हो रही है और उत्तर भारत की ये बर्फीली हवाएं निर्बाध रूप से यहां पहुंच रही हैं। ऐसे में ठंड का यह हाल बना रहेगा।
प्रशासन को किया गया सतर्क
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से आपदा आयुक्त के जरिये प्रशासन को सतर्क किया गया है। इममें कहा गया है कि आने वाले दो से तीन दिनों तक भी शीतलहर चलने की आशंका बनी हुई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- जांजगीर-चाम्पा, जांजगीर दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों बड़ी राहत का ऐलान किया। जिले के किसानों को नये साल का तोहफा देते हुए उन्होने कहा कि रबी फसल के लिए नहर से पानी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बांध में पानी भरा है, वह पानी किसानों का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान को पानी मिलेगा तो वह रोजगार वो स्वयं पैदा कर लेगा। छत्तीसगढ़ में नदी और नालों की कमी नहीं है, इसलिए धार को खेतों की ओर मोड़ना होगा। दरअसल, जिले के किसानों ने रबी फसल के लिए नहर से पानी देने की मांग की थी. इस तरह रबी फसल के लिए नहर से पानी देने सीएम की घोषणा के बाद, किसानों ने राहत की सांस ली है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों की जमीन वापसी के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है कि टाटा प्लांट की तरह अन्य जगहों पर भी यदि कोई जमीन वापसी की मांग आएगी तो उसे केस स्टडी कर के लागू कर अमल में लाया जाएगा। दरअसल, जिले के नवागढ़ क्षेत्र के गोधना-कुकदा-सलखन गांव के किसानों ने कर्नाटका पॉवर प्लांट के लिए अधिग्रहित जमीन को वापस करने की मांग की है। किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने रायपुर जाकर पूर्व विधायक महन्त रामसुंदर दास के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।
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