बलरामपुर/आरागाही/रामानुजगंज। रामानुजगंज थाना क्षेत्र के मितगई से लगे बहेराखांड़ जंगल में किन्नर की हत्या के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। किन्नर को युवती समझ शारीरिक संबंधों के लिए पहचान बढ़ाने वाले आरोपितों ने असलियत पता चलने पर रुपये वापसी को लेकर हुए विवाद में सुनियोजित तरीके से पत्थर से सिर कुचल हत्या कर दी और उसके प्राइवेट पार्ट को भी जख्मी कर दिया था।
आरोपितों में एक बलरामपुर में ही नगर सैनिक के पद पर कार्यरत है। अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में शामिल पुलिस टीम को एसपी ने पांच हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है। बलरामपुर एसपी टीआर कोशिमा ने बताया कि 16 जनवरी को मितगई से लगे बहेराखांड़ जंगल में युवती की वेशभूषा में किन्नर की सिर कुचली लाश मिली थी।
प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत होने से एएसपी पंकज शुक्ला के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन कर आरोपितों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। मृतक की शिनाख्त 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने राजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम परसागुड़ी निवासी जयप्रकाश उर्फ अल्का पिता सहदेव 21 वर्ष के रूप में हुई थी। शिनाख्ती के साथ पुलिस को यह भी पता चला कि कक्षा 10वीं में पढ़ाई के दौरान ही वह किन्नर का रूप परिवर्तित कर सामाजिक जीवन व्यतीत कर रहा था।
सोशल मीडिया में भी उसके सक्रिय रहने और कई लोगों से दोस्ती होने की जानकारी भी पुलिस को मिली। साइबर सेल की मदद से पुलिस ने काल डिटेल खंगाला तो पता चला कि चलगली थाना क्षेत्र के ग्राम कड़िया निवासी सौरभ गुप्ता पिता रमाशंकर गुप्ता 25 वर्ष से वह सोशल मीडिया से लगातार संपर्क में था।
संदिग्ध के रूप में सौरभ का नाम आने के बाद जब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो शुरू में वह पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जब मृतक से उसकी पहचान को लेकर पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत किया तो वह टूट गया। उसने स्वीकार किया कि बलरामपुर में वर्ष 2013 से नगर सैनिक के रूप में पदस्थ चलगली थाना के ग्राम केरता निवासी शशांक गुप्ता पिता सुरेंद्र गुप्ता 26 वर्ष के साथ मिलकर उसने पत्थर से सिर कुचल किन्नर की हत्या की थी।
दोनों आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार क्रमांक सीजी 15 सीइ 6777 व मृतक का मोबाइल भी जब्त कर लिया। आरोपितों की गिरफ्तारी व अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में एसडीओपी रामानुजगंज नितेश गौतम, रामानुजगंज थाना प्रभारी निरीक्षक भारद्वाज सिंह, एएसआइ राजकुमार साहू, साइबर सेल बलरामपुर के सुधीर सिंह, मंगल सिंह, राजकिशोर पैकरा, प्रदीप साना, अमित निकुंज, सुयश पैकरा व राकेश तिवारी सक्रिय रहे।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
एसपी ने बताया कि घटना दिवस 15 जनवरी को आरोपित सौरभ अपनी कार से बलरामपुर पहुंचा। यहां नगर सैनिक व दोस्त शशांक गुप्ता के साथ शराब का सेवन किया। इस दौरान मृतक जयप्रकाश उर्फ अल्का से बातचीत होती रही। तातापानी महोत्सव में भोजपुरी कलाकार पवन सिंह का कार्यक्रम देखने दोनों आरोपित परसागुड़ी गए और जयप्रकाश उर्फ अल्का को कार में बैठाकर बलरामपुर ले आए। यहां सच्चाई पता चलने पर दोनों ने किन्नर को सबक सिखाने की मंशा से बहेराखांड़ जंगल ले जाकर उसकी हत्या कर दी।
पैसे वापस मांगने पर हुआ था विवाद
पुलिस ने बताया कि घटना दिवस 15 जनवरी को परसागुड़ी से कार में साथ लाने की दोनों आरोपितों की मंशा पैसे देकर शारीरिक संबंध बनाने की थी। इस दौरान मृतक ने अपना चेहरा छिपाकर रखा था। उसने युवती की वेशभूषा धारण कर रखा था। बलरामपुर में शशांक गुप्ता के घर तीनों ने शराब सेवन किया।
इसी दौरान आरोपितों को शक हुआ कि यह युवती नहीं किन्नर है। इसके बाद आरोपितों ने रुपये वापस मांगने शुरू कर दिए। इसको लेकर तीनों के बीच विवाद हुआ। यहीं पर दोनों आरोपितों ने सबक सिखाने की मंशा से उसे कार में बैठा तातापानी महोत्सव जाने के नाम पर बहेराखांड़ जंगल में ले जा उसकी हत्या कर दी।
भीड़ देख भाग गए थे दोनों आरोपित
किन्नर की हत्या करने के बाद दोनों आरोपित सौरभ व शशांक दो-तीन घंटा तातापानी में मौजूद थे। वहां से वापस बलरामपुर आकर शशांक गुप्ता के घर सो गए। सुबह दोनों में चर्चा हुई कि जिस नंबर पर आरोपित सौरभ द्वारा अल्का से बात की जाती थी, उस नंबर पर अभी भी रिंग जा रही है, इससे भयभीत होकर दोनों घटनास्थल जाकर मृतक की एक और मोबाइल लाने की योजना बनाई। इसके तहत दोनों बलरामपुर से निकले।
हत्या के बाद मृतक के जिस मोबाइल को लेकर वे भागे थे, उसे अवराझरिया के पास तोड़कर फेंक दिया। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ देखकर दोनों वाहन न रोक आगे बढ़ गए। शशांक को ग्राम पिपरौल में छोड़कर सौरभ अपने घर चला गया। मृतक के एक मोबाइल के सिम को भी आरोपितों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था।
गैंगरेप में भी शामिल था आरोपित
पुलिस ने बताया कि किन्नर की हत्या में शामिल चलगली थाना का कड़िया निवासी सौरभ गुप्ता पूर्व में गैंगरेप की घटना में शामिल रह चुका है। गैंगरेप के अलावा एक अन्य आपराधिक घटना में संलिप्तता के कारण वह जेल भी जा चुका है। मृतक से सोशल मीडिया के जरिए मृतक के संपर्क में रहने का खुलासा जांच में होने के बाद पुलिस अंधे कत्ल के पर्दाफाश में सफल हुई।