publicuwatch24.com, जगदलपुर। एक तरफ सरकार कोरोना का संक्रमण का फैलने से रोकने के लिए रोज नए गाइडलाइन तैयार कर रही है. वहीं दूसरी तरफ इन सरकार और ICMR जैसी संस्थाओं की गाइडलाइन का खुले आम सरकारी अधिकारी ही धज्जियां उड़ा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बस्तर में भी देखने को मिला है. पद संभालने की लालच में अधिकारी कोरोना पॉजिटिव में कार्यालय पहुंच गए।
दरअसल, जगदलपुर सीएमएचओ आरके चतुर्वेदी को हटाने जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया गया था. इसकी जिम्मेदारी जीपी शर्मा को सौंपा दिया गया, लेकिन जीपी शर्मा कोरोना पॉजिटिव होकर होम आइसोलेशन पर थे. जैसे प्रशासन ने आदेश जारी किया. उन्होंने कोविड के होम क्वॉरंटाइन नियमों को दरकिनार करते हुए 9वें दिन ही पद संभालने कार्यालय पहुंच गए।
कार्यालय पहुंचे नए सीएमएचओ
शनिवार को उन्होंने बस्तर सीएमएचओ के रूप में पदभार ग्रहण किया है. ऐसे में अब विभागीय कर्मचारियों के साथ बाकी लोगों में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. ICMR की गाइडलाइन के मुताबिक होम क्वॉरंटाइन में रह रहे मरीज को कम से कम 17 दिन तक आइसोलेट रहना जरूरी है. यह नियम बीच में रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी जारी रहती है. इस बीच वह बाहर निकलता है तो उसके उपर महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है।
कार्यालय में संक्रमण का खतरा बढ़ा
अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. क्योंकि कोरोना संक्रमित होने के आठ दिन बाद ही नव नियुक्त सीएमएचओ अपना पदभार ग्रहण करने कार्यालय पहुंच गए हैं. ऐसे में कार्यालय के कर्मचारियों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. यह खतरा यहीं नहीं थम रहा बल्कि कोविड के लिए एक्शन प्लान तैयार करने के जिलेभर के स्वास्थ्य अधिकारियों, कलेक्टर व अन्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में बतौर स्वास्थ्य प्रमुख शामिल होंगे. ऐसे में इन सभी में भी संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ गया है।
महामारी एक्ट के तहत नहीं हुई कार्रवाई
राज्य सरकार द्वारा जो गाइडलाइन जारी की है. उसके मुताबिक प्रत्येक कोरोना संकमित मरीज जो होम आइसोलेशन पर हैं, उन्हें कम से कम 17 दिन क्वारंटाइन रहना है. पिछले आदेश में दिनों की संख्या 14 थी. इस बीच वह बाहर नहीं निकल सकता था. अगर वह इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके उपर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है, लेकिन अधिकारी सरकार के आदेश को ही दरकिनार कर रहे हैं।
पिछले एक साल में कई ऐसे मामले हैं, जब कोविड नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ मामले बनाए गए, लेकिन यही गलती एक अधिकारी द्वारा किए जाने पर प्रशासन मौन हैं. ऐसे में फिर से आम व्यक्ति और शासकीय अधिकारी में फर्क पैदा हो गया है।
इस संबंध में सीएमएचओ जीपी शर्मा का कहना है कि वो 12 अप्रैल को अपना सैंपल दिए थे, जिसके बाद 15 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इसके बाद से वे होम आइसोलेशन पर चल रहे थे. 23 मार्च को कोरोना की फिर से जांच कराई. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद नई जिम्मेदारी संभालने पहुंचे थे. इस बीच जिला प्रशासन के आला अधिकारियों का मार्गदर्शन भी लिया गया है।
देखिए आदेश की कॉपी-