Sunday, 08 September 2024

इंदौर। कॉमेडी में किशोर कुमार, मेहमूद, चार्ली चैप्लीन और मेहनत में अमिताभ बच्चन को अपना आदर्श मानने वाले कॉमेडी के सुपर स्टार जॉनी लीवर रविवार को शहर में थे। थियेटर, फिल्म इंडस्ट्री और टेलीविजन की दुनिया के साथ लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले जॉनी चाहे पर्दे या मंच पर हों या फिर रूबरू चर्चा करें, जो बातें उनकी जुबां बयां करती हैं उसमें उनका साथ अचानक बड़ी-बड़ी हो जाती आंखें व झटके से घूमते हाथ भी देते हैं। शायद यही वह कला है जिसे सेंस ऑफ ह्यूमर के साथ जोड़ते हुए उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
कॉमेडी शो में प्रस्तुति देने आए जॉनी लीवर ने मीडिया से भी चर्चा की। इस चर्चा में उन्होंने अपनी व्यस्तता और खालीपन दोनों के बारे में बेबाकी से बात की। वे बताते हैं कॉमेडी का हुनर बेशक ईश्वर से तोहफे में मिला लेकिन उसे तराशने का काम किशोर कुमार और मेहमूद की कॉमेडी देखकर किया। शायद यही वजह है कि मेरी कॉमेडी में आज भी द्विअर्थी बातें नहीं होती। आज की पीढ़ी यह नहीं समझती कि ये दोनों कितने बड़े कलाकार थे। जिन्होंने कोई एक्टिंग स्कूल ज्वाइन किए बिना अपना अहम स्थान बनाया। जहां तक बात लोगों को हंसाने और खुद के खुश रहने की है तो इसके लिए कॉमेडियन को भीतर से मजबूत होना पड़ता है। ठीक चार्ली चैप्लीन की तरह। जिसके जीवन में दुखों की कमी नहीं थी, लेकिन उन्होंने उन गमों को किनारा कर औरों को हंसाया।

भोपाल। एक फरवरी, मोदी सरकार का अंतरिम बजट या चुनावी बजट या फिर जनता का बजट। नाम कुछ भी हो, लेकिन शुक्रवार को यह देश का सबसे बड़ा इवेंट साबित हुआ। घोषणाएं होती रही तालियां बजती रही। हर किसी की निगाह सिर्फ टेलीविजन पर टिकी हुई थी।
बजट को लेकर हरिभूमि की टीम ने बरकतउल्ला में पढ़ने वाले और वॉयस हॉस्टल में रहने वाले युवाओं से बात की। उन्होंने कहा यह बजट पूरा भी है और अधूरा भी। जो उम्मीदें युवाओं ने लगाई थी, उन पर मोदी सरकार खरी नहीं उतर सकी।
बेरोजगारों के लिए कोई खास नहीं
छात्र आसिफ इकबाल का कहना है कि यह बजट बेरोजगारों के लिए कोई खास नहीं रहा। युवाओं ने इस बजट में रोजगार के विकल्प तलाशे थे, लेकिन हाथ कुछ नहीं आया है। युवाओं को उम्मीद थी कि सरकार युवाओं को रोजगार देने में कोई ठोस कदम उठाएगी।
रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाने की दिशा में उठाने चाहिए कदम
छात्रा साक्षी मिश्रा का कहना है कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। केंद्र सरकार को युवाओं के लिए रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए थे। वहीं, युवतियों की बात करें तो नगदी निकासी के लिए छूट दी जानी चाहिए थी। क्योंकि, मौजूदा समय में बहुत सी महिलाएं ज्यादा शिक्षित नहीं है।
युवाओं को निराश किया
छात्र गौरव पटेल का कहना है कि मेरे पिता किसान है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में तो काम किया है, लेकिन युवाओं को निराश किया है। युवाओं ने सरकार से उम्मीद लगाई थी कि छात्रावास व्यवस्था दुरुस्त होगी। शिक्षा स्तर को सशक्त बनाया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

सिंगरौली। सिंगरौली में देर रात हुए एक दर्दनाक हादसे में ट्रक ड्राइवर जिंदा जल गया। हादसा उस वक्त हुआ, जब तेज रफ्तार से आ रहे दो ट्रक टकरा गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कुछ मिनटों में ट्रक धू-धूकर जल उठा। एक ट्रक के ड्राइवर को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वो जिंदा जल गया। रात का वक्त होने की वजह से वक्त पर मदद नहीं मिल सकी। तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हादसा कितना भयानक रहा हो। दोनों ट्रक पूरी तरह जलकर खाक हो चुके हैं। चालक का नाम संतोष कुमार साह है। अभी उनका पोस्टमार्टम जिला अस्पताल बैढन में किया जा रहा

इंदौर । लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किए जाने वाले वार्षिक कैलेंडर में इस बार इंदौर के कलाकार की रचनात्मकता नजर आ रही है। महात्मा गांधी के संदेशों, विचारों और कार्यों को आत्मसात करने के लिए इस बार उन्हीं पर आधारित कैलेंडर प्रकाशित किया गया है। 12 पन्नों वाले इस कैलेंडर को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ अलग रूप से लाने का सोचा था, जिसे शहर के युवा चित्रकार सारंग क्षीरसागर की कलाकृतियों से सजाया गया है।
इस कैलेंडर में न केवल गांधीजी के संदेशों को अंकित किया गया है, बल्कि चित्रकारी के जरिए उनकी उस विचारधारा को भी दर्शाने का प्रयास किया है, जो हर दौर की आवश्यकता और समसामयिकता है। गांधीजी की घड़ी, चश्मा, चरखा, छड़ी, चप्पल, नमक, तीन बंदर आदि के जरिए विचारों को जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
कलाकार सारंग बताते हैं हर पन्नों की डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा गया कि कैलेंडर देखने वाले का ध्यान केवल गांधीजी पर ही केंद्रित होकर न रह जाए, बल्कि उनके उस संदेश को समझ सके, जिसे वे देना चाहते थे। इसलिए चरखे के बैकग्राउंड में लूम पर तिरंगा बुनते कारीगरों के साथ सभी मजहब के लोगों को लिया जोकि स्वावलंबन, एकता की बात कहता है। उनकी घड़ी का चित्र बनाकर बैकग्राउंड में बापू की प्रार्थना सभा बनाई गई है। उनका चश्मा बनाकर उसके रिफ्लेक्शन में तिरंगे को बताया गया, जो यह बात कहता है कि वे केवल देश की आजादी पर ही ध्यान दे रहे थे।
सारंग के अनुसार यह कैलेंडर डिजाइन करना इसलिए चुनौती भरा था क्योंकि इसमें केवल रेखांकन और रंग तक ही बात सीमित नहीं थी बल्कि विचारों को अप्रत्यक्ष रूप से मूर्त रूप में भी लाना था। 12 अलग-अलग विषयों को एक तानेबाने में रखते हुए ये कैलेंडर डिजाइन किया गया। कैलेंडर का विमोचन सुमित्रा महाजन ने किया

  • Samvad A
  • - RO No 12879/161 - "
  • RO No 12822/ 137 "
  • RO No 12879/161 "

Address Info.

Owner / Director - Piyush Sharma

Office - Shyam Nagar, Raipur, Chhattisgarh,

E mail - publicuwatch24@gmail.com

Contact No. : 7223911372

MP info RSS Feed