Thursday, 21 November 2024

भोपाल । पिछली मध्यप्रदेश सरकार ने 22 महीने पहले अगस्त 2018 से सरकारी प्लांटों से पोषण आहार सप्लाई शुरू करने का वादा किया था, लेकिन सरकार इस वादे को पूरा नहीं कर पाई। वहीं अब वर्तमान सरकार 38 जिलों में ठेकेदारों से आहार लेने की तैयारी कर रही है।
जिसके चलते महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है और 5 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी के लिए रखेगी। बता दें विभाग इस शर्त के साथ छह माह के लिए टेंडर जारी कर रहा है कि जैसे-जैसे सरकारी प्लांटों से सप्लाई शुरू होगी, उस क्षेत्र में ठेकेदारों से आहार लेना बंद कर दिया जाएगा।
गौरतलब है पिछली भाजपा सरकार ने 22 माह पहले स्व-सहायता समूहों से पोषण आहार तैयार कराकर आंगनबाड़ियों में सप्लाई कराने का फैसला लिया था, जिसे वह पूरा नहीं कर पाई। तत्कालीन सरकार ने पिछले साल प्रदेश में आठ (रीवा, सागर, मंडला, धार, होशंगाबाद, देवास, शिवपुरी) सरकारी प्लांट तैयार करने की शुरूआत की है और इसकी जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सौंपी गई थी।
विभाग ने भी अगस्त 2018 से प्लांटों में पोषण आहार तैयार कर सप्लाई शुरू करने का दावा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जिसके बाद सरकार आखिर पोषण आहार की व्यवस्था एक बार फिर ठेकेदारों के हाथों में सौंपने की तैयारी में है।
बता दें प्रदेश की आंगनबाड़ियों में पोषण आहार सप्लाई करने वाली कंपनियों के खिलाफ अक्टूबर 2016 में आयकर विभाग छापामार कार्रवाई की थी। जिसमें आहार सप्लाई में बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई थी। इसके बाद मंत्रियों की अध्यक्षता में हाई पॉवर कमेटी गठित की गई।
कमेटी ने 27 दिसंबर 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसमें पोषण आहार का उत्पादन स्व-सहायता समूह, वनोपज संघ और छोटे कंपनियों से कराने की सिफारिश की थी। विभाग ने इस सिफारिश पर ध्यान नहीं दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी अप्रैल 2017 से स्व-सहायता समूहों से काम कराने को कहा था, लेकिन कंपनियों के दबाव में ऐसा भी नहीं हो सका।
मार्च 2018 में हाईकोर्ट जबलपुर ने शॉर्ट टर्म टेंडर बुलाकर कंपनियों से अगस्त 2018 तक पोषण आहार लेने और इस बीच प्लांट तैयार कर खुद उत्पादन शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी प्लांट तैयार करने और उनमें मशीनों का इन्स्टालेशन और फिर उत्पादन शुरू करने में पांच माह लग गए।
देवास का सरकारी पोषण आहार प्लांट फरवरी में सप्लाई शुरू नहीं कर पाया। मप्र राज्य आजीविका मिशन ने दिसंबर 2018 में ही इस प्लांट से सप्लाई शुरू करने का दावा किया था। इस आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने 1300 से 1600 मीट्रिक टन पोषण आहार सप्लाई का ठेका आजीविका मिशन को देते हुए फरवरी से सप्लाई मांगी थी, लेकिन मिशन सप्लाई नहीं दे पाया। हालांकि मार्च से नियमित सप्लाई का वादा किया गया है।
आजीविका मिशन के अफसरों का कहना है कि मार्च अंत तक होशंगाबाद प्लांट से सप्लाई शुरू हो जाएगी और अगले माह धार प्लांट भी उत्पादन शुरू कर देगा। जबकि अन्य पांच प्लांट मई तक उत्पादन और सप्लाई शुरू कर देंगे।
शार्ट टर्म टेंडर की अवधि बढ़ाई जाना है
देवास प्लांट से सप्लाई मिलने लगी है। इसलिए देवास प्लांट से संबद्ध नौ और भोपाल संभाग के पांच जिलों को छोड़कर शेष जिलों के लिए शाॅर्ट टर्म टेंडर की अवधि बढ़ाई जाना है। इसका प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा है।  - जेएन कंसोटिया, प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग

शिवपुरी । शिवपुरी में एक शराबी युवक की ट्रक से कुचलकर दर्दनाक मौत हो गई। दिन में हुई घटना के दौरान कई लोग मौके पर मौजूद थे, लेकिन शराबी युवक ट्रक के नीचे आया और कोई उसे बचा नहीं सका। ट्रक का पिछला पहिया इस शराबी युवक के ऊपर से गुजर गया। ये लाइव घटनाक्रम मोबाइल में कैद हो गया।
मिली जानकारी के मुताबिक नगर के एबी रोड बड़ोदी क्षेत्र में शराब के नशे में संजय ओझा नामक युवक आते-जाते ट्रकों पर लाठी से प्रहार कर रहा था। इस दौरान उसका संतुलन बिगड़ा और वो गुजरते हुए ट्रक के नीचे आ गया। ट्रक चालक को भी समझ नहीं आया और उसने ट्रक रोके बिना आगे बढ़ा दिया। इससे संजय ट्रक के नीचे दबकर मर गया।
मौके पर मौजूद लोग संजय को रोकने की कोशिश भी कर रहे थे, लेकिन हाथ में लठ्ठ होने और शराब के नशे में धुत्त होने के कारण लोगों उसके पास तक नहीं गए। इसी दौरान ये घटनाक्रम हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक संजय शराब के नशे में काफी देर से हंगामा कर रहा था। वो आते-जाते ट्रकों को लाठी लेकर मार रहा था। कुछ लोग उसके इस हंगामे को मोबाइल में भी कैद रहे थे। इसी दौरान वह संतुलन खो बैठा और ट्रक के पिछला पहिया उसके ऊपर से गुजर गया। संजय की मौत कैमरे में लाइव कैद हो गई।
घटनाक्रम के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को बताया कि युवक का नाम संजय ओझा था और वह शराब का आदी था। वह मिस्त्री का काम करता था। घटनाक्रम के बारे में लोगों ने बताया कि संजय आते-जाते वाहनों पर डंडे से मार रहा था। इसी दौरान वह फिसला और ट्रक के नीचे गिर गया। जब तक वो खुद हटता या लोग उसे बाहर खींचते ट्रक का पिछला पहिया उसके ऊपर से गुजर गया। देहात थाना इलाका पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

भोपाल। वित्त मंत्री तरुण भनोत बुधवार को विधानसभा में एक अप्रैल से 31 जुलाई 2019 तक खर्च चलाने के लिए 77 हजार 186 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेखानुदान प्रस्तुत करेंगे। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष की बची हुई अवधि के लिए 72 करोड़ रुपए से ज्यादा का तृतीय अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत होगा। इसके अलावा आधार विधेयक, पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम और नगर पालिका संशोधन विधेयक रखे जाएंगे।
18 फरवरी से शुरू हुए विधानसभा सत्र में बुधवार को पहले दिन शासकीय काम होगा। सोमवार को निधन उल्लेख के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई थी। अब सत्र के दो दिन ही बाकी हैं। इन दिनों में सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता लेखानुदान और तृतीय अनुपूरक अनुमान पारित कराने की होगी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार बजट जुलाई में प्रस्तावित मानसून सत्र में लाएगी, लेकिन तब तक जरूरी खर्च चलाने के लिए 77 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लेखानुदान प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके साथ ही चालू वित्तीय वर्ष के लिए विभागीय जरूरतों को देखते हुए 72 करोड़ रुपए से ज्यादा का तृतीय अनुपूरक अनुमान पेश किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री वर्ष 2004-05 में स्वीकृत बजट से 83 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च को नियमित करने के लिए प्रस्ताव रखेंगे।
इसके अलावा प्रदेश में वित्तीय, प्रमुख सुविधाओं के साथ सेवाओं को आधार से जोड़ने के लिए आधार कानून लागू करने का निर्णय किया गया है। इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री पीसी शर्मा मध्यप्रदेश आधार विधेयक प्रस्तुत करेंगे।
पाले को लेकर शिवराज-नरोत्तम ने मांगी चर्चा
भाजपा की ओर से विधानसभा में फसलों को पाले से हुए नुकसान के बावजूद सरकार द्वारा सर्वे कराकर मुआवजा न देने को लेकर चर्चा मांगी गई है। नियम 139 के तहत अविलंबनीय लोक महत्व का विषय बताते हुए प्रस्ताव दिया गया है। इसमें फसलों का उचित मूल्य और भावांतर भुगतान न करने से पैदा हो रहे हालात का मुद्दा भी उठाया जाएगा।
वहीं, हरदा विधायक कमल पटेल हरदा और होशंगाबाद सहकारी बैंक द्वारा किसानों के नाम पर फर्जी कर्ज निकालने, हर्ष गेहलोत मंदसौर में गोलीचालन के आरोपियों पर प्रकरण दर्ज न किए जाने, बहादुर सिंह चौहान महिदपुर तहसील में अवैध उत्खनन और संजय यादव रेत खदानों में पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थानीय समितियों का गठन नहीं करने का मुद्दा ध्यानाकर्षण के जरिए उठाएंगे।

भोपाल । प्रदेश सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा के 35 आईपीएस अधिकारियों के बड़ा तबादला आदेश जारी किया है। इस तबादला आदेश में सात जिलों होशंगाबाद, दतिया, हरदा, देवास, नरसिंहपुर और आगर मालवा के एसपी प्रभावित हुए हैं।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य शासन ने बड़ी सर्जरी करते हुए अफसरों की पदस्थापना में बड़ा बदलाव किया है। बता दें हाल में इनमें से कुछ को स्थानांतरित किया गया था। जिसमें इंदौर ग्रामीण में एक महीने पदस्थ किए गए डीआईजी अनिल कुमार को हटाकर अब उज्जैन रेंज भेज दिया गया है।
उनकी जगह अब 15 दिन पहले ही भोपाल शहर से हटाए गए डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी को पीएचक्यू डीआईजी इंदौर ग्रामीण बनाया गया है। पुलिस अधीक्षक मुख्यालय भोपाल को पीएचक्यू और एसपी मुख्यालय इंदौर में एसपी इंदौर पूर्व का एक-दूसरे के पदस्थापनास्थल पर तबादला किया है।
किसे कहां किया पदस्थ देखें लिस्ट :-

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