Friday, 14 March 2025

बालोद । अमित जोगी ने आज भूपेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. अमित जोगी ने कहा कि कांग्रेस के लोग लक्जरी गाड़ियों में घूम रहे हैं. बेरोजगारों के हक़ में नरवा-गरुवा-घुरुवा और बाड़ी आ रहा है।  
जनता जोगी कांग्रेस  के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी अपने एक दिन प्रवास पर बालोद  पहुंचे थे. आगामी लोकसभा चुनाव नगर निकाय  चुनाव पंचायत चुनाव और नव नियुक्त जिलाध्यक्ष को  शपथ दिलाने और कार्यकर्ताओं के साथ मिलने बालोद पहुंचे थे. इस मौकेपर पत्रकारों से बात चीत में अमित जोगी ने भूपेश  सरकार पर जमकर निशा साधा और कहा कि आने वाली पीढ़ी कर्ज में दब जाएगी ।
अमित जोगी ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव से अच्छा और बेहतरी से कार्य किया जाएगा देश का पहला ऐसा पार्टी है जोगी कांग्रेस जिसने पहली चुनाव में अपने 14% वोट हासिल कर 7 सीट महागठबंधन  में जीते हैं. लोकसभा  में हम दरबारी की नही बराबरी  की हैसियत से  जाना चाहते हैं. अमित जोगी ने महेंद्र कर्मा के बेटे को डिप्टी कलेक्टर बनाए जाने पर भूपेश सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि बेरोजगारों के हक में नरवा घुरवा गरुवा और बाड़ी आ रहा है. चखना दुकाने आ रही है. शराब की अवैध तस्करी आ रही है और कांग्रेस के लोग अफसरशाही सरकारी और लग्जरी गाड़ी में घूम रहे हैं।
एक वक्त ऐसा आएगा जब पूरा छत्तीसगढ़ राज्य कर्ज में डूब जाएगा अजीत जोगी जी के घोषणा पत्र की नकल तो कांग्रेस ने की पर अकल नहीं लगा पाए कांग्रेस के पास अपने घोषणापत्र को पूरा करने  के लिए ना तो नियत है और ना नीति है. आने वाले समय में जो पीढ़ी  है वह कर्ज में डूबे जाएगी. 15 साल से हम संघर्ष करते आ रहे हैं और 5 साल और संघर्ष जो हमारे साथ नहीं कर सकते वह लोग जोगी कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं. उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता जो लोग अभी गए हैं उन्हें पहले ही पार्टी ने निकाल दिया था इससे जोगी कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता. इस मौके पर अमित जोगी जी के साथ पूर्व विधायक राजेंद्र राय वर्तमान जिला अध्यक्ष केके राजू चंद्राकर और तमाम जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सुकमा | डीवीसी कमांडर अर्जुन को जन अदालत में सजा देने का ऐलान किया गया है. इस संबंध में नक्सली सचिव विकास के हस्ताक्षरित एक फरमान जारी हुआ है. नक्सलियों ने जारी किये गए प्रेस नोट में बताया है कि 2001 से अर्जुन नक्सली संगठन मे शामिल हुआ था. 2012 से 2015 तक अर्जुन कोन्टा एरिया कमेटी कमांडर था |
नक्सलियों का आरोप है कि डीवीसी कमांडर अर्जुन ने पुलिस के सामने घुटने टेक दिए. नक्सलियों का आरोप है कि अर्जुन ने उसके विचारधारा को बीच में ही छोड़कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. इस बात से वे बेहद खफा हैं. इसलिए अर्जुन को जन अदालत में सजा दी जाएगी. इधर पुलिस ने अर्जुन के सरेंडर करने की पुष्टि नहीं की है |

राज्यभर में चिटफंड कपनियों ने अवैध तरीके से कई वर्षों से फर्जीवाड़े का कारोबार कर पैसे दोगुना करने, जमीन और मकान देने समेत अन्य तरीका से डेढ़ दशक में करीब 1100 करोड़ रुपए की ठगी की और रकम समेट कर फरार हो गए, लेकिन उन्होंने राज्य में निवेश के पैसे से अर्जित संपत्ति इतनी कम छोड़ी है कि निवेशकों की रकम वापसी की राह कठिन हो गई है।
160 चिटफंड कंपनियों ने राज्य में सिर्फ 400 करोड़ रुपए की संपत्ति ही छोड़ी है। इनमें भी अधिकांश जमीनें और कमर्शियल भवनों में दफ्तर हैं। सभी संपत्तियाे को पुलिस ने जप्त किया है, लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इन्हें नीलाम करने में इतने पचड़े हैं कि सालों गुजर जाने पर भी नीलामी का रास्ता साफ नहीं हुआ। ऐसी दशा में निवेशकों के पैसे वापसी पर संकट खड़ा हो गया है।
दरअसल चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों को लुभाने के लिए कई जगहों पर जमीन खरीदकर प्लाटिंग की गई। साथ ही दफ्तर खोलने बहुमंजिला अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदे। निवेशकों के पैसे समेट कर फरार होने के बाद सिर्फ जमीनें और फ्लैट ही पुलिस और प्रशासन के हाथ लगे हैं। इनकी कीमत भी ठगी की रकम की आधे से भी कम है। इन कंपनियों की संपत्ति नीलाम भी की जाती है तो निवेशकों की रकम वापसी के लिए 700 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी।
इतनी छोड़ गए संपत्ति
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक राजधानी समेत राज्यभर में चिटफंड कंपनियों के संचालक करीब 300 से 400 करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ गए हैं। इनमें सिर्फ रायुपर में करोड़ों रुपए की संपत्ति को नीलाम करने साल 2016 से प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक उनके नीलाम करने पर फैसला नहीं हो सका। इसी तरह बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी समेत राज्यभर में सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति का ब्योरा पुलिस के पास है।
लाखों ने अरबों किया निवेश
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक राज्यभर मे 160 चिटफंड कंपनियां अवैध रुप से छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित रही थीं। इनमें करीब 2 लाख 70 हजार निवेशकों ने 11 अरब 5 करोड़ रुपए निवेश किया, लेकिन एक भी निवेशक को कंपनी की तरफ से पैसे वापस नहीं किए गए हैं।
कुछ मामले में कोर्ट से स्टे
जानकारी के मुताबिक अधिकांश चिटफंड कंपनियों की छत्तीसगढ़ के अलावा भी दूसरे राज्यों में संपत्ति है। उनका वहां की पुलिस ने जप्त किया है और कोर्ट में मामले लंबित हैं। ऐसी संपत्ति को नीलाम करना कठिन होता है। यही नहीं, दर्जनभर चिटफंड कंपनियों की संपत्ति पर हाईकोर्ट से रोक लगी हुई है। वहां से आदेश मिलने के बाद भी उनकी नीलामी की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।
चिटफंड कंपनी की इतनी संपत्ति
- निर्मल इंफ्रा होम कार्पारेशन लिमिटेड भोपाल का डगनिया में 35 लाख का मकान और खरोरा में .834 हेक्टेयर जमीन कीमत 25 लाख
- आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मंदिर हसौद के उमरिया गांव में 5 डिसमिल की कीमत करीब 6 लाख
- देव्यानी प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड की अमलीडीह में 3 जगहों की .357 हेक्टेअर जमीन की कीमत करीब 18 करोड़
- बीएन गोल्ड रियल स्टेट एलाइड लिमिटेड की एमएम शॉपिंग माल में 244 स्क्वॉयर फीट व वार्ड 2 में 4326 स्क्वायर फीट जमीन
- गोल्ड की इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ओर डेसीड बेनीफिट फंड लिमिटेड की 11 करोड़ रुपए की प्रापर्टी
ब्योरा लिया है
चिटफंड कंपनियों की छोड़ी संपत्ति का ब्योरा इकट्ठा किया गया है। उसकी कीमतों का अध्ययन किया जा रहा है।
- हेमकृष्ण राठौर, आईजी, सीआईडी

छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को विश्व बैंक के साथ एक करार किया है। जिसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार विश्व बैंक से 25.2 मिलियन डॉलर यानि कि करीब 180 करोड़ रुपए कर्ज लेगी।
इस ऋण समझौते के तहत मिली राशि से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के लिए एक एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली विकसित करेगी, साथ ही बेहतर सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के लिए एक प्लेटफार्म भी विकसित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट एंड अकॉउंटीबिलिटी प्रोग्राम के तहत छत्तीसगढ़ सरकार और विश्व बैंक के बीच यह समझौता हुआ है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित अत्याधुनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लाना है, जिसमें वर्तमान ट्रेजरी सॉफ्टवेयर के स्थान पर नए और आधुनिक आईएफएमआईएस (एकीकृत वित्तीय प्रबंधन और सूचना प्रणाली) प्रणाली स्थापित होगी एवं प्रशिक्षण के माध्यम से वित्त विभाग के अधिकारियों की क्षमता विकसित करके राजकोषीय सेल स्थापित किए जाएंगे।
यह कार्यक्रम पांच साल की अवधि के लिए है और इसमें भाग लेने वाले महत्वपूर्ण विभागों में वित्त विभाग और इसके संचालनालय कोष लेखा एवं पेंशन, राज्य शहरी विकास प्राधिकरण, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अलावा राज्य सरकार के अन्य राजस्व अर्जित करने वाले विभाग शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव (वित्त) अमिताभ जैन द्वारा कार्यक्रम की सुनयोजित रूपरेखा तैयार करने में उल्लेखनीय मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव वित्त, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सरकार की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि समीर कुमार खरे, अतिरिक्त सचिव भारत सरकार और हिशम अब्दो, विश्व बैंक के एक्टिंग कंट्री डायरेक्टर ने भारत सरकार और विश्व बैंक की ओर से हस्ताक्षर किए।

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