छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को विश्व बैंक के साथ एक करार किया है। जिसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार विश्व बैंक से 25.2 मिलियन डॉलर यानि कि करीब 180 करोड़ रुपए कर्ज लेगी।
इस ऋण समझौते के तहत मिली राशि से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के लिए एक एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली विकसित करेगी, साथ ही बेहतर सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के लिए एक प्लेटफार्म भी विकसित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट एंड अकॉउंटीबिलिटी प्रोग्राम के तहत छत्तीसगढ़ सरकार और विश्व बैंक के बीच यह समझौता हुआ है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित अत्याधुनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लाना है, जिसमें वर्तमान ट्रेजरी सॉफ्टवेयर के स्थान पर नए और आधुनिक आईएफएमआईएस (एकीकृत वित्तीय प्रबंधन और सूचना प्रणाली) प्रणाली स्थापित होगी एवं प्रशिक्षण के माध्यम से वित्त विभाग के अधिकारियों की क्षमता विकसित करके राजकोषीय सेल स्थापित किए जाएंगे।
यह कार्यक्रम पांच साल की अवधि के लिए है और इसमें भाग लेने वाले महत्वपूर्ण विभागों में वित्त विभाग और इसके संचालनालय कोष लेखा एवं पेंशन, राज्य शहरी विकास प्राधिकरण, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अलावा राज्य सरकार के अन्य राजस्व अर्जित करने वाले विभाग शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव (वित्त) अमिताभ जैन द्वारा कार्यक्रम की सुनयोजित रूपरेखा तैयार करने में उल्लेखनीय मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव वित्त, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सरकार की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि समीर कुमार खरे, अतिरिक्त सचिव भारत सरकार और हिशम अब्दो, विश्व बैंक के एक्टिंग कंट्री डायरेक्टर ने भारत सरकार और विश्व बैंक की ओर से हस्ताक्षर किए।
विश्व बैंक से 180 करोड़ का कर्ज लेगी छत्तीसगढ़ सरकार
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