
K.W.N.S.-पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने क्रोधवश गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया था. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने क्रोधवश गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया था. माता पार्वती के अनुरोध पर शिव जी ने फिर शिशु हाथी का मुख लगाकर गणेश जी में प्राण डाले थे. लेकिन आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि गणेश जी का कटा हुआ असली सिर कहां गिरा होगा? इस बात का जवाब उत्तराखंड स्थित पिथौरागढ़ की पाताल भुवनेश्वर गुफा में मिलता है. पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि भगवान गणेश जी का असली सिर पाताल भुवेश्वर गुफा में आकर गिरा था. आइये जानते हैं पाताल भुवनेश्वर गुफा का रहस्य. कहां स्थित है पाताल भुवनेश्वर गुफा? पाताल भुवनेश्वर गुफा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में गंगोलीहाट से 14 किमी दूर स्थित है. यह गुफा भगवान शिव और गणेश की कई पौराणिक कथाओं को समेटे हुए है. समुद्र तल से 1,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा मुख्य द्वार से 160 मीटर लंबी और 90 मीटर गहरी है. लोककथाओं के अनुसार, इस गुफा में भगवान शिव विराजमान हैं और भगवान गणेश का कटा हुआ सिर भी इसी गुफा में सुरक्षित है. यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने और देखने आते हैं. पाताल भुवनेश्वर गुफा का रहस्य स्कंद पुराण में इस गुफा का उल्लेख मिलता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के क्रोध के बाद भगवान गणेश का सिर धड़ से अलग हो गया और इस गुफा में आकर गिर गया. यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने मूल सिर को पाताल भुवनेश्वर गुफा में रखा था. भगवान गणेश का सिर चट्टान के आकार में है, जिसके ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला ब्रह्मकमल बना हुआ है, जिसमें से अमृत की बूंदें भगवान गणेश के सिर पर गिरती हैं. ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मकमल की स्थापना यहां भगवान शिव ने की थी.