Friday, 14 March 2025

बिलासपुर। विधानसभा चुनाव से पहले 18 सिंतबर को कांग्रेस भवन में पुलिस द्वारा कांग्रेसियों पर हुए लाठीचार्ज मामले में आज मजिस्ट्रेट के सामने 17 कांग्रेसियों की गवाही होनी थी। जिसमें से 4 कांग्रेसी अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे।
बिलासपुर एडीएम व जांच मजिस्ट्रेट बीएस उइके की बेंच में चारों की गवाही दर्ज की गई। मजिस्ट्रेट के समक्ष सबसे पहले शहर अध्यक्ष सीमा पांडेय ने गवाही दी। इसके बाद शहर कांग्रेस संगठन सचिव अजरा खान, कमलेश दुबे और कमल गुप्ता ने अपने अपने बयान दर्ज कराए।
क्या था मामला
विधानसभा चुनाव के पहले गत 18 सितंबर को कांग्रेसी नेता विरोध प्रदर्शन के लिए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के निवास गए थे। विरोध स्वरूप कांग्रेसियों ने अमर अग्रवाल के घर के पास कचरा फेंका और वापस लौट आए। इस विरोध प्रदर्शन के ​दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कर कांग्रेसी नेताओं की पिटाई गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कांग्रेस भवन में घुसकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कोरबा। कोरबा में सोमवार को दो सड़क हादसे हुए। एक घटना में सड़क किनारे खड़े ट्रेलर से बोलेरो जा टकराई। इस घटना में करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। इनमें से 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं दूसरी घटना में कोयले से भरा एक ट्रेलर पलटी खा गया।
मिली जानकारी के मुताबिक कोरबा के कटघोरा-बिलासपुर मुख्य मार्ग पर रजकम्मा के पास एक बोलेरो सड़क एक ट्रेलर में जा घुसी। ये ट्रेलर ढाबे के पास बीच सड़क में ही खड़ा था। हादसे में बोलेरो में सवार करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। जानकारी के मुताबिक जायसवाल परिवार के लोग शादी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कटघोरा तहसीलभाटा से बिलासपुर जा रहे थे, तभी हादसा हो गया। घायलों में 6 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। फिलहाल सभी घायलों को कटघोरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
कोयले से भरा ट्रेलर पलटा
इसके अलावा कोरबा में एक और सड़क दुर्घटना हुई। राताखार बायपास मार्ग पर एक ट्रेलर अनियंत्रित होकर पलटी खा गया। ट्रेलर में कोयला भरा हुआ था। लोगों ने बताया की आज सुबह लगभग 8.15 में ट्रेलर कोयला लेकर कोरबा की ओर जा रहा था। लेकिन तेज रफ्तार की वजह से मोड़ पर पलटी था गया। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रेलर की गति और थोड़ी ज्यादा होती तो ट्रेलर सीधे घर में जा घुसता। दो दिन पूर्व एक तेज रफ्तार ट्रेलर सर्वमंगला पुल की रेलिंग तो तोड़ते हुए पुल के नीचे जा गिरा था।

बिलासपुर। हावड़ा-हापा एक्सप्रेस के एसी कोच अटेंडर से 29 लाख 87 हजार 724 रुपये कीमती सोने की चूड़ियां जब्त की गई। उसे हावड़ा में किसी ने दवा का बाक्स बोलकर रायपुर तक ले जाने के लिए कहा था। लेकिन चांपा के करीब आरपीएफ की स्कार्टिंग पार्टी ने संदेह के आधार पर पूछताछ की। इस दौरान जैसे ही बाक्स की जांच की गई तो उसके अंदर से 72 चूड़ियां मिलीं। इसके बाद गहने समेत अटेंडर को बिलासपुर में आरपीएफ पोस्ट के सुपुर्द कर दिया गया। इसे बाद में जीआरपी को हैंडओवर किया। मामले की छानबीन जारी है।
मामला शनिवार का है। इस ट्रेन में आरपीएफ की टीम गश्त पर थी। अभी ट्रेन चांपा रेलवे स्टेशन पार हो रही थी। उसी समय गश्त टीम कोच क्रमांक बी-1 पर पहुंची। यहां अटेंडर शोभित मुदलियार पिता जगन्नाथ मुदलियार (34) ड्यूटी पर था। केबिन में एक पैकेट रखा था। यह टेप से पूरी तरह पैक था। इसी पर टीम को संदेह हुआ और उन्होंने अटेंडर से पूछताछ की। उसने बताया कि इसके अंदर दवा है। हावड़ा में एक व्यक्ति द्वारा यही कहकर पैकेट दिया है। इसे रायपुर तक पहुंचाने के लिए उसने 200 रुपये भी दिए हैं। लेकिन उसकी जानकारी से टीम संतुष्ट नहीं हुई।
यही वजह है कि उसने अटेंडर को पैकेट खोलने के लिए कहा। पैकेट खुलते ही जो नजारा था उसे देखकर आरपीएफ के होश उड़ गए। 24-24 की कड़ी में सोने की चमचमाती चूड़ियां थीं। अटेंडर भी सकते में आ गया। पैकेट में एक टैक्स इंवाइस पेपर था जिसमें आरजी इंटरनेशनल पांच कनूलाल लेन दो फ्लोर रूम नंबर 2017 कोलकाता वेस्ट बंगाल 700007 जीएसटीआइएन 19 एएएक्सएफआर 2946 एमआइजेड पांच लिखा था। साथ बिल जेआर ज्वेलर्स सदर बाजार रायपुर के नाम था। इसके अलावा किसी तरह का दस्तावेज नहीं मिला। आरपीएफ ने गड़बड़ी होने की आशंका पर जब्त चूड़ियों समेत अटेंडर को पकड़ लिया। इसके बाद ट्रेन जैसे ही दोपहर 12 बजे के करीब बिलासपुर स्टेशन पहुंची। उसे उतारकर आरपीएफ पोस्ट के हवाले कर दिया गया। मामले की जांच जीआरपी कर रही है।
आयकर विभाग को सूचना
जीआरपी प्रकरण की छानबीन में जुटी हुई है। वह कई तरह के सवालों का जवाब ढूंढ रही है। इनमें एक प्रमुख प्रश्न यह है कि आखिर झूठ बोलकर अटेंडर को इतनी कीमती चूड़ियों को क्यों दिया गया। चोरी-छिपे इसे ट्रेन में क्यों भिजवाया जा रहा था। इस मामले की जानकारी सोमवार को आयकर विभाग को दी जाएगी।
अटेंडर को सामान ले जाने का अधिकार नहीं
एसी कोच अटेंडर निजी कर्मचारी होते हैं जो ठेकेदार के अंदर काम करते हैं। रेलवे हर ट्रेन के लिए ठेका करती है। इसके तहत उन्हें केवल यात्रियों को सुविधा देनी है। सामान का परिवहन करने का अधिकार नहीं है। इसके बाद भी वह नियम को तोड़कर पार्सल वाहक बनकर कमाई के चक्कर में इस तरह कार्य करते हैं।

बिलासपुर। सिम्स के पीडियाट्रिक्स (आईसीयू) वार्ड में मंगलवार को अचानक आग लग गई थी। जिसमें आज एक और नवजात की मौत हो गई। घटना के बाद से अब तक यह तीसरे नवजात की मौत है। इसमें शिशु भवन में भर्ती दो बच्चों की दूसरे दिन ही मौत हो गई थी।
हादसे के दौरान आईसीयू में 40 नवजात बच्चे भर्ती थे। आग लगने के बाद आनन फानन में सभी बच्चों को दूसरे नजदीक अस्पतालों में भर्ती किया गया था। बता दें बच्चों की शिफ्टिंग के दौरान नवजात की तबीयत बिगड़ी थी।
गौरतलब है 22 जनवरी को सुबह 11 बजे सिम्स के पीडियाट्रिक्स वार्ड में अचानक शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गई थी। जिसके बाद सभी 40 नवजातों को दूसरे अस्पतालोें में भर्ती किया गया था। आग लगने को कारण आईसीयू में धुंआ भर गया था जिसके बाद दम घुटने के कारण बच्चों की चीख पुकार मच गई थी।
एनआईसीयू वार्ड में भर्ती प्री मैच्योर बच्चों को शहर के जिला अस्पताल, शिशु भवन और महादेव हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जिसमें शिशु भवन में भर्ती दो बच्चों की दूसरे दिन ही मौत हो गई थी। इसके चलते स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मानवाधिकार के सचिव ने सिम्स प्रबंधन व डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई थी साथ ही जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया था। रविवार को इमलीपारा निवासी नंदकुमार पटेल के नवजात शिशु का महादेव हास्पिटल में मौत हो गई।

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