K.W.N.S.-बस्तर। छत्तीसगढ़ आयोग महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य बालो बघेल ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के आस्था सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर की 180 वीं और जिले स्तर की 09 वीं जन सुनवाई हुई बस्तर जिले में आयोजित आज की जन सुनवाई में कुल 24 प्रकरणों पर सुनवाई की गई.
सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका उपस्थित थी. उसने अपना प्रकरण वापस लेने बाबत अपना आवेदन प्रस्तुत किया उनका एक प्रकरण न्यायालय में धारा 376 अनावेदक के विरूद्ध था जिसमे अनवेदक बरी हो गया है। अतः वह प्रकरण आगे जारी नहीं रखना चाहती प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित प्रकरण को सुना गया इस दौरान सरक्षण अधिकारी हिरवानी ने बताया की शिकायत पर स्थानीय परिवाद समिति के द्वारा जांच किया जा रहा है और अनावेदक पक्ष का साक्ष्य लेना शेष है ऐसी दशा में एक माह का समय दिया गया अपनी रिपोट आयोग को निश्चित रूप से भेजने आगामी सुनवाई रिपोट मिलने के पश्चात रायपुर में किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में दोनों उपस्थित दोनो पक्ष को सुना गया अनावेदक ने कहा की आवेदन की प्रति दिया जाय। आवेदीका को निर्देशित किया गया कि वह एक प्रति अनावेदक को देगी और एक प्रति संरक्षण अधिकारी हिरवानी को देगी जो स्थानिय परिवाद समिति में इस प्रकरण में की जांच कर आपसी रिर्पोट आयोग को 2 माह में प्रेषित करेंगे जिसके पश्चात प्रकरण सुनवाई हेतु रायपुर में रखा गया। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि एक विभाग के दोनो प्रकरण है दो प्रकरणों का आंतरिक परिवाद समिति 02 महिने में जांच करके रिर्पोट 02 महिने के अंदर आयोग को प्रेषित करेगी तत्पश्चात प्रकरण रायपुर में सुनवाई हेतु रखी जायेगी।
अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों को विस्तार से सुना गया आवेदिका संविदा कर्मचारी है जिनका 03 साल का सी०आर० अनावेदक पक्ष ने रोक रखा है अनावेदक पक्ष ने जवाब में बहुत सारे कारण उल्लेखित किया है इस प्रकरण को स्थानिय परिवाद समिति को जांच के लिए संरक्षण अधिकारी बेमेतरा को दिया जाता है। जांच के पश्चात 02 माह में अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिया गया तथा प्रकरण की आगामी सुनवाई हेतु रायपुर में रखा जावेगा। अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनी पक्ष को सुना गया आवेदिका अतिथि शिक्षिका है और वह कुछ दिन तक अवकाश में थी और वह अनावेदक के कहने पर उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किया है आवेदिका कीशिकायत पर कलेक्टर के द्वारा जांच करायी गयी है और आविदिका के द्वारा पुलिस और डायरेक्टर के यहां भी जांच हुई है अनावेदक ने बताया कि आवेदिका अक्सर देरी से आती है और समय से नही आने पर रोज-रोज किये जाने पर विरोध करती है प्रकरण की आगामी सुनवाई रायपुर में रखा गया है।
अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों पक्ष को समझाइस दिया गया लेकिन आवेदिका अनवादक के साथ रहने के लिए तैयार नहीं है क्योकि अनावेदक मारता पिटता है अनावेदक ने बताया कि वह प्रापर्टी डीलर है और स्वीकार किया कि महिना में 15,000 रुपए की शराब पी लेता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है वह महिने का लगभग एक लाख कमाता है बच्चों के खर्च वहन करता है अपनी पत्नी को पद्रह हजार रू देगा इस प्रकरण का निगरानी संरक्षण अधिकारी हिरवानी के द्वारा किया जाएगा छः माह के लिए निगरानी में प्रकरण दिया जाता है उत्सके बाद प्रकरण रायपुर में सुनवाई हेतु लिया जाएगा। शराब की वजह से परिवार तलाक की नौबत पर आया लेकीन दो बच्चों के भविष्य को लेकर आयोग द्वारा सुलह कराया गया पति को समझाईस दिया गया कि जितने का शराब पिता है उतना ही पत्नी को पति द्वारा प्रति माह देना स्वीकार किया गया।