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कांग्रेस के बंद का व्यापक असर बस्तर में भी देखने को मिल रहा है / यहाँ प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है तो दूसरी तरफ स्कूल व कोलेज को बंद से पूर्णत मुक्त रखा गया है / एसी खबर आ रही है कि रायपुर से आने वाली बस भी बंद है और यात्री जो लम्बी दुरी से रायपुर आये हुए है उनको कुछ दिकत्तों का सामना करना पड़ रहा है / सुकमा के छिन्दगढ़ ब्लाक मे हाईवे जाम, महागठनबंधन ने किया शहर बन्द महाबन्द मे कॉग्रेस कम्युनिस्ट पार्टी ने किया बन्द , व्यापारियो व अन्य लोगो ने दिया समर्थन बढ़चढ़ कर किया समर्थन, बन्द का असर जिले मे सफल दिखा/
जगदलपुर में सुबह से ही कोंग्रेसी बंद को सफल बनाने की कोशिश में लगे हुए है / यही नही सुकमा, बीजापुर से भी व्यापारिक प्रकोष्ट के बंद का व्यापक असर
दिखा / आज बंद के आव्हान के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम 22 और 23 पैसे बड गए है /
पट्रोल और डीजल में मूल्य वृद्धि और महंगाई के मुद्दे को लेकर कोंग्रेस ने राष्ट्र व्यापी बंद का आव्हान किया है/
४ थी कक्षा के बच्चे के साथ पैसे नही देने के लिये मारपीट के मामले में पोलिस में शिकायत दर्ज की गयी है / सीनियर छात्रों की मारपीट से परेशान छात्र के अपने ही घर में चोरी करने का मामला सामने आया था / मामला निर्मल विद्यालय का है, जहां सीनियर्स की मारपीट से तंग आकर छात्र ने घर में चोरी की कोशिश की है. इस बात का खुलासा दो दिन पहले तब हुआ जब बच्चा सीनियर्स को पैसे देने के लिए घर से 500 रुपए की चोरी कर रहा था और परिजनों ने उसे पकड़ लिया. पीडित छात्र ने बताया कि आरोपी छात्र 10वीं और 11वीं क्लास के हैं. बच्चा जब सीनियर्स को पैसे नहीं दे पाया तो बच्चे को बाथरूम में बंद कर उसकी पिटाई की गई. पीड़ित के पिता के मुताबिक सीनियर्स ने पीटने के अलावा उससे उठक-बैठक भी कराया गया जिससे बच्चा चल भी नहीं पा रहा था.
अब देखना यह है स्कूल प्रबंधन क्या कदम उठता है/
कुछ दिन पहले जब विद्या ज्योति स्कूल में प्राचार्य ने फेस बुक में 11 के छात्र द्वारा आपत्ति जनक टिपण्णी करने के कारण छात्र को स्कूल से निलंबित कर दिया है और शिक्षा अधिकारी के द्वारा उसे एक मौका देने को लिखित में कहने के बावजूद दुबारा उसे लेने से मना कर दिया था तो सवाल ये उठता है क्या निर्मल विद्यालय भी एसा कुछ कदम उठाएगा ? क्या दोषियों पर कारवाही की जाएगी ?
इधर निर्मल स्कूल के मामले में परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के लिए पूरा स्कूल स्टाफ जिम्मेदार है. जिन्होंने मारपीट की जानकारी होने के बावजूद सीनियर छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की. घटना की जानकारी मिलते ही छात्र संगठनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. फिलहाल कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कह रही है.
जगदलपुर. विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ड्यूटी डॉक्टरों की लापरवाही के ऐसे कई उदाहरण है लेकिन एक ताज़ा मामला प्रकाश में आया है जिसमें परिवारजनों ने अपने करीबी की मौत के पीछे डॉक्टरों की लापरवाही होना बताया है. दरअसल, सांस व बीपी की बीमारी से पीड़ित एक मरीज को कुछ दिन पहले गंभीर अवस्था में महारानी अस्पताल ले जाया गया था, जहाँ उसका प्राथमिक औपचारिक इलाज करने के बजाय ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज डिमरापाल रेफेर कर दिया, आनन-फानन में परिवारजनों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट करवाया जहाँ बुधवार के तड़के उसकी मौत हो गयी.
लगभग आठ दशकों से संचालित महारानी अस्पताल लोगों के लिए अब बस एक शो-पीस साबित हो रहा है. उधर चौदह किलोमीटर दूर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही से निरंतर मौतें हो रही हैं, जिसका खामियाजा परिवारजन उठाने को मजबूर हैं. साथ ही लचर सुरक्षा व्यवस्था ने भी विगत कुछ समय से ग्रामीण अंचलों और लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. ऐसे कई और गंभीर आरोप एक मरीज के परिवारजनों ने लगाये हैं, जिसकी मौत बुधवार की तड़के मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में हो गयी.
अकेली बेटी ने तीसरी मंजिल से उतारा अपने पिता का शव
मामला यहीं रुका नहीं, उसके शव को किसी भी वार्डबॉय या कॉलेज का स्टाफ तीसरी मंजिल से नीचे लाने को तैयार नहीं हुआ, लिहाजा मरीज की बेटी ने जैसे-तैसे अपने पिता के शव को नीचे लाया, जहाँ शववाहन की भी व्यवस्था नहीं होने के चलते परिचितों की मदद से जगदलपुर अपने घर तक लाया गया.
108 सुविधा तीन घंटों तक नहीं पहुंची, दोस्तों की मदद ली
कई दिनों से भर्ती अपने पिता के साथ हुए अत्याचार और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतक की बेटी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर कई खुलासे किये हैं. जिसमें उसने बताया कि पहले दिन अपने पिता को अस्पताल ले जाने के लिए 108 को फ़ोन किया गया था, जब तीन घंटे के इंतज़ार के बाद भी सुविधा नहीं मिली तो दोस्तों की मदद से महारानी अस्पताल ले जाया गया. मालूम हो की मृतक और उसका परिवार शहर के प्रतिष्ठित और संभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
महारानी के ड्यूटी डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बदले डिमरापाल किया रेफेर
उसने बताया कि पिताजी को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, ड्यूटी डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज करने के बजाय सीधे मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी. चूँकि, दोपहर बाद वहां जाना हो पाया, कोई ड्यूटी डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में उपस्थित नहीं था. स्टाफ नर्स ने भी ऐसा ही जवाब दिया, जिसके चलते काफी देर हो गयी और दुसरे दिन उसके पिता ने दम तोड़ दिया.
डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 21 लोगों की हो चुकी है अब तक मौत – अस्पताल स्टाफ
इधर अस्पताल स्टाफ ने दबे स्वर में बताया कि महारानी अस्पताल के स्थानांतरण के बाद से लगभग 21 से ज्यादा लोगों की मौत डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से हो चुकी है, लेकिन प्रत्येक बार मामले को रफादफा कर दिया जाता रहा है, जिसके चलते मरीज अब जगदलपुर में ही निजी अस्पतालों में अपना इलाज करवाना पसंद कर रहे हैं, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से आये मरीजों का कहना है कि इससे कहीं ज्यादा अच्छा इलाज तो ग्राम के प्राथमिक उपचार केन्द्रों में हो रहा है.
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