Sunday, 19 October 2025

सियोल । दक्षिण कोरिया के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2018 का सियोल शांति सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके लिए एक विशेष समारोह का आयोजन सियोल शांति सम्मान सांस्कृतिक फाउंडेशन ने किया जिसमें पीएम को सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी के योगदान को मान्यता देने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। पीएम मोदी ने सम्मान निधि के तौर पर मिले 1.20 करोड़ रुपए नमामी गंगे अभियान को दान कर दिए हैं।
सम्मान के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि भारत की जनता का सम्मान है। पिछले पांच सालों में जो सफलता मिली है वो 1.3 अरब लोगों की मेहनत का फल है। मैं खुद को सम्मानित मानता हूं क्योंकि यह सम्मान मुझे पूज्य महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर मिल रहा है।
पीएम मोदी दो दिनों के दक्षिण कोरिया दौरे पर हैं और आज उन्हें यह सम्मान दिया गया। दौरे के दूसरे दिन उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से भी द्विपक्षीय वार्ता की।
इस दौरान पुलवामा हमले के खिलाफ भारत को दक्षिण कोरिया का समर्थन मिला। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति मून जे इन को प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने पुलवामा हमले की निंदा करते हुए आतंक के खिलाफ हमारा साथ दिया है। दोनों देशों के बीच हुए आज के समझौते से आतंकरोधी कोशिशें तेज होंगी।
वहीं शुक्रवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर पहुंचे जहां उन्होंने कोरियाई युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। 1965 में बने इस शहीद स्मारक में कोरिया की आजादी के अलावा वियतनाम युद्ध और कोरियाई युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की समाधियां हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रपति मून जे इन के आवास पर औपचारिक स्वागत हुआ। यहां दोनों के बीच मुलाकात भी हुई। प्रधानमंत्री की 2015 से अब तक यह दूसरा कोरिया दौरा है।
सियोल शांति सम्मान पर यह बोले पीएम
आज मिलने वाले इस सम्मान को पीएम मोदी ने ट्वीट कर पूरे भारत के लोगों का सम्मान बताया है।

इस्लामाबाद । पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। इस बीच, पाक पीएम इमरान खान ने भी भारत को खुली धमकी दी है। दरअसल, पुलवामा हमले के बाद इमरान पहली बार मीडिया के सामने आए थे और मंगलवार को बयान जारी किया था कि इस आतंकी साजिश में पाकिस्तान का हाथ नहीं है और वह आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत को तैयार है। हालांकि अब इमरान ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिख भारत को खुली धमकी दी है।
इमरान ने लिखा है - 'हमसे ना टकराना।' इस पोस्ट में इमरान खान के पीछे पाकिस्तानी झंडा नजर आ रहा है। साथ ही पुलवामा हमले के संबंध में जारी उनके वीडियो संदेश की कुछ बातें लिखी हैं। जैसे - 'यदि भारत सोचता है कि वो पाकिस्तान पर हमले करेगा तो जवाब देने में हम विचार भी नहीं करेंगे।' 'हम सब जानते हैं कि जंग शुरू करना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना मुश्किल है।'
इससे पहले दी थी यह गीदड़ भभकी
- जंग छेड़ना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना मुश्किल।
- भारत सुबूत दे, हम कार्रवाई करेंगे। बदले की कार्रवाई की तो जवाब देंगे।
- कश्मीर में इस तरह की घटना क्यों हो रही है। इस पर सोचने की जरूरत है।
- युद्ध करना आसान है लेकिन उसे खत्म करना इंसान के बस की बात नहीं है। एक बार युद्ध शुरू होने के बाद अल्लाह जानता है कि क्या अंजाम होगा।
- पाकिस्तान इस पूरे में क्षेत्र में स्थायित्व चाहता है। हम यह हमला क्यों कराएंगे। हमें इससे फायदा क्या होगा।
- भारत में अभी चुनाव होने वाले हैं और पाकिस्तान पर दोष लगाने से वोट मिल जाएंगे।
- हम आतंक पर बात करने के लिए तैयार हैं। आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को हुआ है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया था यह जवाब
- सुबूत मांगने की आदत पुरानी है। पठानकोट हमले और मुंबई हमले में तमाम सुबूत देने के बावजूद इन मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई है।
- आतंकी संगठनों से रिश्ता नहीं होने का पाक का दावा भी काफी पुराना है।
- हद तो यह कि इमरान ने पुलवामा में शहीद हुए सैन्यकर्मियों पर कुछ नहीं कहा।
- हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश एक मुहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर पाक में ही रहता है। यही उचित कार्रवाई के लिए पर्याप्त सुबूत है।
- जिस 'नए पाकिस्तान' का दावा किया जा रहा है उसमें कैबिनेट मंत्री हाफिज सईद जैसे आतंकी के साथ सार्वजनिक सभा करते हैं।
- वह आतंकवाद से पीड़ित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया जाती है कि पाक वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।
- इसलिए वह बरगलाने की कोशिश के बजाय आतंकियों के खिलाफ सख्त व विश्वसनीय कार्रवाई करे।

एम्स्टर्डम। बोइंग 747- 400 प्लेन एक अनोखी ही यात्रा पर जा रहा है, जिसे देखना दिलचस्प होगा। दरअसल, इस बार बोइंग विमान हवाई सफर की जगह, सड़क पर चलेगा। मंगलवार को 150 टन के प्लेन को एम्स्टर्डम एयरपोर्ट से कोरेंडन विलेज होटल के गार्डन तक ले जाया जाएगा। शिफोल से यह A9 हाईवे और एक प्रांतीय सड़क से गुजरते हुए अपने गंतव्य पर पहुंचेगा।
कभी इस विमान को 'सिटी ऑफ बैंकॉक' के रूप में जाना जाता था। बीते 30 सालों तक विश्वसनीय सेवा देने के बाद केएलएम का यह विमान अपने पंखों को आराम देगा। कोरेंडन के रंग में रंगने की तैयारी इसे रोम भेजा गया था और इसके बाद विमान रीसाइक्लिंग कंपनी एएलएस ने इसे सभ सेवा योग्य भागों को हटा दिया।
डच स्पेशलाइज्ड कंपनी मैमोएट सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेलर की मदद से इसे 5 फरवरी (रात 11 बजे से 7 बजे तक), 8 फरवरी (आधी रात से 4 बजे तक) और 9 फरवरी (आधी रात से 4 बजे तक) ट्रांसपोर्ट कर ले जाएगी। बोइंग की यात्रा का सबसे रोमांचक हिस्सा अंतिम चार घंटे का सफर होगा, जब यह A9 हाईवे से गुजरेगा। इस तरह सड़क पर इस हाईवे से गुजरने वाला यह पहला विमान बन जाएगा।
अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने के बाद, विमान को 'कोरेंडन बोइंग 747 एक्सपीरियंस' में बदल दिया जाएगा, जो 2019 के मध्य में अपने दरवाजे खोलेगा। यह कैसा होगा, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
बताते चलें कि कोरेंडन विलेज होटल सोनी के पूर्व मुख्यालय में पिछले साल खोला गया था। इसमें 680 से अधिक कमरे, सुइट्स और अपार्टमेंट्स हैं। यह बेनेलक्स (बेल्जियम का राजनीतिक-आर्थिक संघ, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग) का सबसे बड़ा होटल है।

बीजिंग। चंद्रमा के सुदूर इलाके में चीन का अंतरिक्षयान सुरक्षित उतर गया है। इसके साथ ही इसे अंतरिक्ष के बारे में जानने की दिशा में इंसान का बड़ा कदम बताया जा रहा है। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) ने अपना रोबोटिक प्रोब चेंगे4 (Chang’e 4) को दक्षिणी ध्रुव के एटकिन बेसिन में उतारा है।
इस इलाके के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं थी। चंद्रमा की सतह पर यह सबसे बड़ा, सबसे पुराना, सबसे गहरा क्रेटर है। हालांकि, इस मिशन की सफलता को लेकर संदेह की स्थिति उस वक्त खड़ी हो गई थी, जब चीन की सरकारी मीडिया चाइना डेली और सीजीटीएन ने मिशन की सफलता को लेकर किए गए ट्वीट डिलीट कर दिए थे।
चाइना डेली के ट्वीट में लिखा गया था कि चीन का चेंगे4 चांद के सुदूर इलाके में उतर गया है। यह चंद्रमा की खोज में मानव के इतिहास का नया अध्याय शुरू करेगा। हालांकि, सरकारी टीवी CCTV की तरफ से आधिकारिक पुष्टि लैंडिंग के दो घंटे बाद की गई।
इसमें कहा गया कि लूनर एक्सप्लोरर ने सुबह 10.26 बजे चंद्रमा की सतह को छुआ। कम्युनिस्ट पार्टी के स्वामित्व वाले ग्लोबल टाइम्स ने भी कहा कि प्रोब ने चंद्रमा के सुदूर इलाके में पहली बार सफल सॉफ्ट लैंडिंग की है। मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के अनदेखे इलाकों की विस्तृत माप लेना और और खनिज संरचना का पता करना है।
माना जाता है कि एटकिन बेसिन का निर्माण चंद्रमा के इतिहास में बहुत पहले हुई एक विशाल टक्कर के दौरान हुआ था। माना जा रहा है कि टकराव के बाद चंद्रमा के आंतरिक हिस्से के अवशेष बाहर निकले होंगे। चेंगे से इस बारे में नए सुराग मिल सकते हैं कि प्राकृतिक उपग्रह कैसे बना था।
स्पेसक्राफ्ट ने पहले चंद्रमा के सुदूर इलाके की तस्वीरें ली थीं। मगर, किसी भी लैंडर ने कभी भी सतह को नहीं छुआ था। चीन का यह कदम अमेरिका और रूस के साथ अंतरिक्ष अन्वेषण में एक प्रमुख शक्ति बनने की चीन की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।

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