Sunday, 16 March 2025

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के सभी 11 मंत्रियों में 27 जिलों का बंटवारा करके उन्हें प्रभारी बना दिया। मंत्री कवासी लखमा को सबसे ज्यादा बस्तर संभाग के सात में से छह जिलों का प्रभार दिया गया है।
वहीं, मंत्री टीएस सिंहदेव को सरगुजा संभाग के पांच में से तीन जिले सरगुजा, बलरामपुर व सूरजपुर की जिम्मेदारी दी गई है। बाकी दो जिले कोरिया व जशपुर दो मंत्रियों को अलग-अलग मिले हैं। मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को रायपुर के साथ बलौदाबाजार-भाटापारा का प्रभारी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद किस मंत्री को कौन से जिले का प्रभारी बनाया, इस पर मंथन किया। शाम को सूची जारी की गई। मुख्यमंत्री ने ज्यादातर मंत्रियों को उनके ही जिले का प्रभार दिया और आसपास के जिले भी उन्हें दिए गए हैं। हालांकि, इस कवायद में सरगुजा और दुर्ग संभाग के तीन मंत्रियों डॉ. प्रेमसाय सिंह, रविंद्र चौबे और गुरु स्र्द्र कुमार को उनके क्षेत्र का जिला नहीं मिल पाया है।
मंत्री-जिला प्रभार
टीएस सिंहदेव-सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर
रविंद्र चौबे-बिलासपुर, मुंगेली
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम-जांजगीर
डॉ. शिवकुमार डहरिया-रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा
मोहम्मद अकबर-कवर्धा, राजनांदगांव
ताम्रध्वज साहू-दुर्ग, बेमेतरा
कवासी लखमा-बस्तर, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, कोंडागांव, दंतेवाड़ा
जयसिंह अग्रवाल-कोरबा, कोरिया
उमेश पटेल-रायगढ़, जशपुर
गुस्र् स्र्द्र कुमार-महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद
अनिला भेंड़िया-कांकेर, बालोद

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार पहली से पांचवीं तक सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब न सिर्फ किताबें, बल्कि निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी नोटबुक (कॉपियां) भी देगी। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के प्रॉफिट फंड से कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तौर पर 22 लाख बच्चों के लिए नोटबुक तैयार कराई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि सरकारी स्कूल में ज्यादातर बीपीएल परिवार के बच्चे पढ़ते हैं। उनके लिए किताबें तो मुफ्त में मिल जाती हैं पर कॉपियां नहीं मिलतीं। ऐसे बच्चों के लिए यह योजना वरदान साबित होगी।
सीखने और सिखाने का पैमाना पहले ही तय
सरकारी स्कूलों में बच्चों के पढ़ने-पढ़ाने और सिखाने का पैमाना सरकार ने पहले ही फिक्स कर दिया है। इसके मुताबिक पहली के बच्चे को कम से कम गणित में 20 तक गिनती और जोड़, घटाने की प्रक्रिया आनी चाहिए। 20 तक गिनती के बीच में वह कौन बड़ी संख्या और कौन छोटी संख्या है, यह तय कर पा रहा है तो उसका लर्निंग आउटकम ठीक है। 01 से 20 तक गिनती सीखना पर्याप्त है। इसी तरह कक्षा दूसरी के बच्चे को 99 तक गिनती लिखना, पढ़ना आना चाहिए , साथ ही रुपए, सिक्के, शेप्स की जानकारी हो जाए तो उसे अधिक पढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कक्षा और उम्र के आधार पर बच्चों में लिखने, पढ़ने, समझने और बोलने की क्षमता को परखने का आधार तय कर दिया है। उसके हिसाब से ही नोटबुक बनाई जा रही है।
ये मिलेगा फायदा
नोटबुक इस तरह से डिजाइन की गई है कि इसमें शिक्षक किसी एक कक्षा के विभिन्न् लर्निंग आउटकम पर काम करने के बाद उन पर अलग-अलग तरीके से अभ्यास करा सकेंगे। यह सामग्री इस प्रकार से तैयार की गई है कि शिक्षक किसी एक कक्षा के विभिन्न् लर्निंग आउटकम पर कार्य करने के बाद उन पर अलग-अलग तरीकों से अभ्यास कराएंगे।
नोटबुक डिजाइन के लिए सौंप चुके हैं काम
नोटबुक बनाने के लिए समग्र शिक्षा विभाग के सहायक संचालक डॉ. एम सुधीश को काम दिया गया है। वे बच्चों के पढ़ने-पढ़ाने और सिखाने के पैमाने पर ही नोटबुक की डिजाइन कर रहे हैं। डॉ. सुधीश प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता अभियान के लिए हर साल माड्यूल तैयार कर रहे हैं। इसके आलावा नवाचार शिक्षा पर भी फोकस करते हुए गुणवत्ता के लिए काम कर रहे हैं।
राज्य सरकार बच्चों के हित में काम करने के लिए हर तरह से तैयार है। इसी कड़ी में हमने अब पाठ्यपुस्तक निगम के प्रॉफिट फंड को शिक्षा की गुणवत्ता में खर्च करने का निर्णय लिया है। इससे सरकारी स्कूलों के बच्चों को बेहतर डिजाइन और लर्निंग आउटकम की नोटबुक मिलेगी। - एस प्रकाश, संचालक लोक शिक्षण संचालक एवं एमडी पाठ्यपुस्तक निगम

रायपुर । 1 और 2 मार्च से शुरु होने वाले छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने 10वीं-12वीं की उत्तर पुस्तिका में बदलाव करते हुए इस बार ओएमआर सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है। किए गए बदलाव में सबसे बड़ी बात यह है कि अब परीक्षार्थियों को सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं दी जाएगी, उन्हें ओएमआर शिट में दिए गए निर्धारित जगह में उत्तर लिखना होगा।
इस सिस्टम से परीक्षा किस तरह से दिलानी है इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रोफेसर वीके गोयल ने प्राचार्यों की बैठक ली और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ओएमआर सिस्टम की कॉपियों में परीक्षार्थियों को अलग से कोई कॉपी नहीं दी जाएगी निर्धारित पेज पर ही परीक्षार्थी अपना उत्तर दे सकेंगे। उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों से आए प्राचार्य की जिज्ञासा भी शांत की। शिक्षा मंडल ने परीक्षा की तैयारियों शुरू कर दी है।

रायपुर । छत्तीसगढ़ की कमान सौंपने के बाद से भूपेश सरकार लगातार अपने घोषणा पत्र में किए वादों को एक के बाद एक पूरा करने में लगी हुई है। इसी कड़ी में सरकार अपना एक और वादा पूरा करने पर विचार कर रही है, जिससे प्रदेश के सभी परिवार राशन कार्ड के दायरे में आ जाएंगे।
प्रदेश में सभी परिवारों को सस्ते में चावल मिले इसके लिए सरकार ने नया कदम उठाने जा रही है। बताया जा रहा है कि सरकार गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले परिवारों को 10 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चावल देने का फैसला लेने जा रही है। ताकि प्रदेशभर की जनता को सस्ते दर पर चावल उपलब्ध कराया जा सके।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अगर सरकार गरीबों को 1 रुपए और गरीबी रेखा से ऊपर वालों को 10 रुपए प्रति किलो चांवल देती है तो सरकार पर प्रतिवर्ष 4 हजार 800 करोड़ रुपए का अतिरक्ति भार पड़ेगा।

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