दुर्ग । दुर्ग जिले के धनोरा में 4 वर्षीय स्कूली बच्चे के अपहरणकर्ता पुलिस के शिकंजे में आ गए हैं. मामले में दुर्ग पुलिस ने एक महिला समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं एक आरोपी अभी फरार है. गिरफ्तार किये गए लोगों में बच्चे के पिता का करीबी दोस्त और पड़ोसी राजकुमार साहू, राजनांदगांव के सोमनी थाना क्षेत्र स्थित मगरलोटा गांव का रहने वाला रुकेन्द्र सिन्हा, रुकेन्द्र की पत्नी बबीता सिन्हा और धनोरा के रहने वाले हेमू साहू है. इस पूरे मामले का मास्टर माइंड कौन है और वजह क्या थी ।
दुर्ग आईजी हिमांशु गुप्ता और एसपी प्रखर पाण्डेय ने बुधवार को प्रेसवार्ता ली, जिसमें उन्होंने पूरे मामले से पर्दा उठाया. आईजी ने बताया कि अपहरण कांड की साजिश और किसी ने नहीं बल्कि बच्चे के पिता चंद्रशेखर साहू के करीबी दोस्त और पड़ोस में रहने वाले राज कुमार साहू उर्फ राजू साहू ने ही रची थी. राजू पेशे से ड्राइवर है, जो कि अक्सर बाहर आना जाना करता है. चंद्रशेखर साहू का पड़ोसी होने की वजह से आरोपी का उसके घर आना जाना लगा रहता था. आरोपी को चंद्रशेखर की पारिवारिक और आर्थिक पृष्ठभूमि की भंलीभांति जानकारी थी. चंद्रशेखर साहू 5 से 7 माह पूर्व अपनी एपीएस रोड की पुस्तैनी जमीन को 1.20 करोड़ में बेचा है. जिसकी उसकी पूरी जानकारी थी. पैसों की लालच में उसने बच्चे के अपहरण कर 25 लाख रुपये की फिरौती वसूलने की योजना बनाई ।
ऐसे किया अपहरण
पैसों के लालच में उसने पूरी साजिश रची और चारों से मिलकर इसकी जानकारी दी. घटना को अंजाम देने के लिये दिनांक 20.08.2019 को एक फरार आरोपी प्रातः से ही बालक के स्कूल वेन पर नजर रख रहा था. आरोपी द्वारा वेन के आते ही अपने साथियों को इसकी जानकारी दिया तो आरोपी राजकुमार अपने साथी आरोपी रूकेन्द्र सिन्हा, हेम् साहू स्कूल वेन के आने के स्थान पर पहले से ही पहुंच गये. तीनों आरोपी रूकेन्द्र सिन्हा की मोटर सायकल लाल अपाचे में थे. स्कूल वेन के आते ही आरोपी हेमू ने वेन ड्रायवर को रोका और उसे अपनी बातों में उलझाया कि तुमने कल एक पामेरियन कुत्ते को अपनी चेन से एक्सीडेंट किया है, इसी बीच आरोपी राजकुमार वेन में जाकर बच्चे का स्कूली वेन से अपहरण कर लिया. पहले से तैयार रूकेन्द्र सिन्हा अपनी मोटर सायकल स्टार्ट रखा था, राजकुमार अपह्रत बालक को लेकर मोटर सायकल के बीच में बैठ गया. आरोपी हेमू साहू भी गाड़ी में सवार हो गया. उसके बाद वे बच्चे को लेकर फरार हो गये. जिसके बाद कुछ दूरी पर ही गैस गोदाम के पास आरोपी हेमू साहू उतर गया. आरोपी अपहृत बालक को लेकर बोरसी, थनौद, चंदखुरी, अंजोरा, देवादा होते हुए रूकेन्द्र सिन्हा के मगरलोटा स्थित घर ले गए. जहां उसकी पत्नी के देखरेख में रखा गया.
उधर बच्चे के अपहरण की जानकारी उसके पिता ने अपने दोस्त और आरोपी राजकुमार को फोन पर दी. जिसके बाद वह उसके साथ रिपोर्ट लिखाने थाने भी पहुंचा. उधर इस मामले में मीडिया की खबर और सोशल मीडिया के दबाव में आरोपियों ने बच्चे को सोमनी में छोड़ दिया ।
ऐसे गिरफ्त में आए
इस पूरे मामले में पुलिस ने 4 टीमों को गठन किया था. पुलिस के अनुसार मामले में सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलगांव चौक के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में बच्चे को ले जाते आरोपी नजर आए, लेकिन राजनांदगांव टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरे में वो नजर नहीं आए. जिससे माना गया कि आरोपी अंदरुनी रास्तों से निकले हैं या फिर आस-पास ही रुके हैं. इधर पुलिस की एक टीम घटना क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को खंगाल रही थी और पीड़ित के परिजनों और परिचितों का मोबाइल लोकेशन व पारिवारिक हिस्ट्री खंगाला जा रहा था. मोबाइल नेटवर्क और सीसीटीवी फुटेज से मिले हुलिये के अनुसार पुलिस आरोपी तक पहुंच गई. उधर इस मामले में एक और आरोपी अभी फरार है जिसे जल्दी पकड़ने का पुलिस दावा कर रही है ।