Tuesday, 21 October 2025

रायपुर। राज्य सरकार ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए। सरगुजा, बस्तर और मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। सीएम भूपेश बघेल की अनुशंसा पर सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण और मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के लिए अध्यक्ष और दो-दो उपाध्यक्षों की नियुक्ति की है।
खेलसाय सिंह को सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण में बृहस्पति सिंह और गुलाब कमरो बनाए गए हैं। लखेश्वर बघेल को बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है। संतराम नेताम और विक्रम मंडावी प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं।
लालजीत राठिया को मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष और लक्ष्मी ध्रुव व पुरूषोत्तम कंवर को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री व उपाध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं और परियोजना विजयी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सशक्त बालिकाएं सफल जीवन की ओर विषय पर कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि बहुत अच्छा लगा कि स्वागत में पुस्तक दी गई।
सीएम ने कहा कि विभाग अपना काम नहीं जार पाते। यह देखना होगा 18 साल बाद आप कहाँ खड़े है। तुलना करने पर ही वास्तविक स्थिति का अंदाजा होगा। सीएम ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट तो शुरू होते है, लेकिन बाद में बंद हो जाते है। सीएम ने कहा कि अगर हम शिक्षा में पिछड़े तब हर जगह पिछड़ जाएंगे। इसके लिए वातावरण तैयार करना होगा। शिक्षकों को बच्चों से कनेक्ट होना होगा। शिक्षक अगर अपनी रोजी रोटी की सोचता रहा और आंदोलन की ही तैयारी करता रहा तब बच्चों को कौन पढ़ायेगा। बस्तर के आदिवासी बच्चों का उदाहरण दिया कि वे मेरिट में आये। हमें बच्चों को अवसर देने की जरूरत है।

रायपुर । छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के चुनावी वादों की वजह से जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। दो महीने में सरकार ने साढ़े छह हजार करोड़ स्र्पये का लोन ले चुकी है। दो दिन पहले ही एक हजार करोड़ स्र्पये की प्रतिभूति (सिक्योरिटी बांड) बेचा गया है। यह कर्ज 8.18 फीसद ब्याज के साथ छह वर्ष में चुकाना है।
इससे पहले 12 फरवरी को सरकार ने हजार करोड़ का बांड बेचा था। सरकार के लगातार कर्ज लेने की वजह से राज्य में प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 16 हजार से बढ़कर 18 हजार स्र्पये से अधिक हो गया है।
चालू वित्तीय वर्ष में कर्ज की तय सीमा पर पहुंची सरकार
चालू वित्तीय वर्ष के खत्म होने में अभी एक महीना शेष है, लेकिन सरकार कर्ज की तय सीमा के करीब पहुंच चुकी है। पिछले दिनों विधानसभा में बजट प्रस्तुत करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में बताया था कि राज्य ने इस साल अब तक 12462 कराड़ का कर्ज लिया है जो आरबीआइ से स्वीकृत सीमा के भीतर ही है। उन्होंने यह भी बताया कि 2019-20 में हम 10 हजार 931 करोड़ स्र्पये तक कर्ज ले सकेंगे।
इस वजह से लेना पड़ रहा कर्ज
सत्ता में आते ही कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी और धान 2500 स्र्पये प्रति क्विंटल की दर पर खरीद के चुनावी वादे को पूरा करने का एलान किया। सरकार करीब 6100 करोड़ का कर्ज माफ कर रही है। वहीं, धान का समर्थन मूल्य 2500 करने के लिए सरकार को करीब 54 सौ करोड़ से अधिक की जस्र्रत थी। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार तीन सौ स्र्पये प्रोत्साहन राशि देने के लिए 27 सौ करोड़ की व्यवस्था कर गई थी। इस वजह से मौजूदा सरकार को भी करीब इतने की और की व्यवस्था करनी पड़ रही है। दोनों मिलाकर सरकार को लगभग 8875 करोड़ की जस्र्रत है।
कौन सी सरकार लोन नहीं लेती - सीएम
विधानसभा में बुधवार को विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान कर्ज का मुद्दा उठा। इस पर सीएम बघेल ने कहा कि कौन सी सरकार लोन नहीं लेती। आप (भाजपा) सरकार में थे तब लोन नहीं लेते थे क्या? यह बात अलग है कि प्राथमिकताएं अलग-अलग होती हैं।
आप ने लोन लिया था अपव्यय करने, मोबाइल फोन बांटने के लिए, स्काई योजना को लेकर खूब प्रचार किया। 840 करोड़ का बिल आया और जमा किया केवल 189 करोड़, बाकी पटाने के लिए हम पर छोड़ दिया। आप कंक्रीट के जंगल बनाने के लिए कर्ज ले रहे थे हम किसान और गांव के लिए ले रहे हैं।
जनवरी से अब तक
तारीख कर्ज की राशि ब्याज दर अवधि (वर्ष)
01 जनवरी 2000 7.94 04
15 जनवरी 1500 7.64 02
05 फरवरी 1000 8.4 06
12 फरवरी 1000 7.93 05
26 फरवरी 1000 8.18 06
(नोट- राशि करोड़ स्र्पये में)

रायपुर । बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक अनूप नाग ने बस्तर में सड़क नहीं बनने का मामला उठाया।  मामला अंतागढ़ से कोयलीबेड़ा और आमाबेड़ा में निर्णाधीन सड़क का है। विधायक ने लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू से पूछा कि टेंडर जारी होने के 10 साल बाद भी सड़क नहीं बन पाई है। उन्होंने पूछा कि ये सड़क कब तक बनेगी। जिसके जवाब में मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि जिस इलाके में सड़क बन रही है पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। जिसके कारण वहां सड़क निर्माण देरी हो रही है। लेकिन हमने मार्च तक का अंतिम समय ठेकेदार को दिया है। अगर मार्च तक निर्माण पूरा नहीं होता तो ठेकेरदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

R.O.NO. 13259/132
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