K.W.N.S.-एक ज़माना वह था जब भारतीय क्रिकेट जगत में मुंबईया लॉबी का वर्चस्व था। उस वक्त सुनील गावस्कर ,अशोक मांकड़,संजय मांजरेकर और फिर रविशंकर शास्त्री जैसे खिलाड़ी भारतीय टीम में अपनी हैसियत मनवाया करते थे। कहते हैं कि समय का पहिया घूमता रहता है। बाद में ऐसा भी हुआ कि भारतीय क्रिकेट टीम में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से भी खिलाड़ी आने लगे। झारखंड के महेंद्र सिंह धोनी इसकी ताजातरीन मिसाल हैं जो ना केवल सफल कप्तान,सफल विकेट कीपर और एक कामयाब ऑलराउंडर के तौर पर जाने जाते हैं। अब धोनी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट ले चुके हैं और अपना बिजनेस भी कर रहे हैं।
यहां हम इस बात का जिक्र इसलिए कर रहे हैं कि अब भारतीय क्रिकेट में किसी एक प्रांत का वर्चस्व नहीं है बल्कि टेलेंट इतना ज्यादा उभर रहा है कि चयन समिति के सामने भी चुनौतियां पैदा हो चुकी हैं कि वह किसको टीम में खिलाए और किसको नहीं।असल में जिस प्रकार टेस्ट मैच,वन डे मैच,टी20 और आईपीएल के वजूद में आने से क्रिकेट में ना सिर्फ प्रतिस्पर्धा बढ़ी है बल्कि खिलाड़ियों को मौके भी हासिल हो रहे हैं।
ताजा मिसाल शिवम मावी की है जो उत्तर प्रदेश के नोएडा के ही निवासी हैं।आज उनका परिवार प्रफुल्लित है।वह अपने बेटे को टी20 क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ खेलते देख रहे हैं। शिवम 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं। अपने डेब्यू मैच में ही उन्होंने श्रीलंका के 4 विकेट उखाड़कर फेंक दिए और भारत ने मैच जीत लिया।शिवम की आईपीएल में तगड़ी बोली लगी और हार्दिक पांड्या की गुजरात टाइटन्स ने उन्होंने एक-दो नहीं बल्कि पूरे 6 करोड़ में खरीदा। वह पांड्या की उम्मीदों पर भी खरे उतर रहे हैं।
एक ज़माना था जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत में केवल वन डे या टेस्ट मैचों का ही बोलबाला था।घरेलू क्रिकेट में केवल रणजी ट्रॉफी ,दिलीप ट्रॉफी या ईरानी ट्रॉफी पर खिलाड़ियों की उम्मीदें टिकी होती थीं।खिलाड़ी स्टेट के लिए खेलते-खेलते रिटायर हो जाते थे।ना इतना पैसा मिलता था ,ना मौके और ना शोहरत मगर आज तीनों ही मिलते हैं।
ये बीसीसीआई की दूरअंदेशी का ही परिणाम है कि क्रिकेट का इतना विस्तार हुआ है।बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है।आईपीएल में स्वदेशी ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ी भी खेलने को बेताब रहते हैं क्योंकि यहां क्रिकेटरों पर पैसे की बारिश होती है।
ये अच्छी बात है कि जिन क्रिकेटरों को कल तक टेस्ट टीम में जगह नहीं मिलती थी आज वह करोड़ों कमा रहे हैं।खिलाड़ी किसी भी देश में जाएं वह हमारे मुल्क की नुमाइंदगी करते हैं।जब वह आर्थिक रूप से मज़बूत रहेंगे तभी अपना 100 फीसदी प्रदर्शन कर सकते हैं।शिवम मावी ने अपने डेब्यू मैच में जिस प्रकार धाक जमाई है,उनसे आगे भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
उत्तर प्रदेश के तेज गेंदबाज शिवम मावी के लिए पिछले 12 दिन काफी शानदार रहे। 23 दिसंबर 2023 को आईपीएल 2023 के ऑक्शन में वह 6 करोड़ रुपये में बिके थे। इसके बाद टीम इंडिया (Team India) के लिए उनका बुलावा आ गया। श्रीलंका के खिलाफ पहले ही टी20 में खेलने का मौका मिला और उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। 4 ओवर में 22 रन देकर 4 विकेट। इंटरनेशनल क्रिकेट में इससे बेहतर डेब्यू नहीं हो सकता।
अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद दाएं हाथ के तेज गेंदबाज शिवम मावी को इस दिन का इंतजार था। यहां तक पहुंचने का सफर भी आसान नहीं रहा। कुल 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद करने वाला 24 साल यह गेंदबाज अपने करियर में चोट से काफी अपसेट भी रहा, लेकिन जब मौका मिला तो उसे दोनों हाथों से लपका।जनभावना टाइम्स की ओर से शिवम मावी को हार्दिक शुभकामनाएं।