K.W.N.S.-पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी के कारण इस दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही इस दिन से बसंत ऋतु की भी शुरुआत हो जाती है। ज्ञान की देवी मां सरस्वती की इस दिन विधिवत पूजा करने के साथ कुछ मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। परीक्षा में हमेशा अच्छे परिणाम पाने के लिए विद्यार्थी बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा, ध्यान करने के साथ इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इससे मां सरस्वती की असीम कृपा प्राप्त होगी।
1- शारदायै नमस्तुभ्यं मम ह्रदय प्रवेशिनी, परीक्षायां सम उत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा। 2- सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:। 3- सरस्वती मंत्र- सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने । विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते ॥ 4- सरस्वती बीज मंत्र- ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः। 5- नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनीं, त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में, 6- कंबुकंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणं भूषितां महासरस्वती देवी, जिह्वाग्रे सन्निविश्यताम्।।
7- सरस्वती गायत्री मंत्र - ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्। 8- 'ऎं ह्रीं श्रीं वाग्वादिनी सरस्वती देवी मम जिव्हायां। सर्व विद्यां देही दापय-दापय स्वाहा।'