
publicuwatch24.com,जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में कोरोना के नए वैरियंट मिलने के बाद सीमाओं पर पहरा बिठा दिया गया है. जिले की सभी सीमाएं जहां से लोग आंध्र प्रदेश के रास्ते बस्तर में प्रवेश करते हैं, उन सीमाओं पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात कर दिया गया है. दो दिन पहले कुछ मजदूरों के बिना टेस्ट कराए जाने पर सुकमा कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए एक सचिव को भी निलंबित कर दिया है. और सीमाओं पर किसी तरह की लापरवाही न हो इसके लिए खुद सीमाओं पर मोर्चा संभाल लिया है. सीमाओं पर बने स्वास्थ कैम्पों में पहले आने वाले लोगों का टेस्ट कराया जा रहा है, उसके बाद ही बस्तर में प्रवेश दिया जा रहा है।
कलेक्टर ने ली टास्क फोर्स की बैठक
दरअसल, दो दिन पहले जब राज्य सरकार के द्वारा लॉकडाउन बढ़ाये जाने को लेकर कवायद की जा रही थी, उसी समय राज्य सरकार ने बस्तर संभाग के सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए थे कि आंध्रप्रदेश में कोरोना का नया वैरियंट मिला है, इसलिए बस्तर में विशेष निगरानी की जाए. हड़कप उस वक़्त मच गया जब आंध्र से आया एक मजदूर जो लोहंडीगुड़ा के कोविड सेंटर में पॉजिटिव आने के बाद भर्ती था, उसकी बुधवार को मौत हो गई. इसके बाद ये खबर फैल गई कि मजदूर की मौत आंध्र में मिले नए वैरियंट से हुई है।
जिला कलेक्टर रजत बंसल ने इस खबर को सिरे से खारिज कर दिया. उनका दावा है कि अभी तक बस्तर पूरी तरह से सुरक्षित है. आगे भी सुरक्षित रहे इस बात को ध्यान में रखते हुए जिले की सीमाओं को सील कर निगरानी की जा रही है।
बस्तर में नया वैरियंट नहीं आया- कलेक्टर रजत बंसल
आंध्र के वैरियंट को लेकर बस्तर में जिस तरह की चर्चाओं का बाज़ार गर्म है, लेकिन कलेक्टर रजत बंसल ने इसे खारिज करते हुए कहा कि कोविड से मौत हुई मरीज का सैम्पल भुवनेश्वर नहीं भेजा गया है. जो सैंपल हर दिन जांच के लिए भेजे जा रहे हैं, वह एक रूटीन की प्रक्रिया है. हर दिन बस्तर से बायोलॉजी विभाग के द्वारा 5 पॉजिटिव और 5 निगेटिव लोगों के सैंपल वैरियंट की जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. लेकिन कुछ सोशल साइट्स पर ये भ्रामक जानकारी फैला दी गई है कि बस्तर में कोरोना नया वैरियंट मिला है. राहत की बात है लेकिन अब बस्तर को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है कि क्योंकि अगर आंध्र का वैरियंट अगर फैल गया तो स्थिति बहुत भयावह हो जाएगी।