नई दिल्ली। कार्मिक मंत्रालय ने कोविड-19 से निपटने के लिए जारी किए गए राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थलों पर थूकने के दोषी को सजा भुगतने के साथ जुर्माना भी भरना होगा। केंद्र सरकार के सभी विभागों को आदेश जारी करते हुए उनके प्रमुखों से इसके साथ अन्य निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
कार्यस्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य
आदेश से सरकारी और निजी कार्यस्थलों और इसके आसपास बदलाव आने की संभावना है, जहां लोग पान-गुटखा खाकर थूक देते हैं। गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए और केंद्र सरकार के सभी विभागों के साथ कार्मिक मंत्रालय द्वारा साझा किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों पर थूकना जुर्माने सहित दंडनीय कृत्य होगा। कार्यस्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य है। मंत्रालय द्वारा कार्यस्थलों के लिए जारी अतिरिक्त निर्देशों में कहा है कि जहां तक संभव हो घर से ही काम किया जाए। कार्यालयों, कार्यस्थलों, दुकानों, बाजारों, औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने के अलग-अलग घंटे निर्धारित किए जाएं।
वहीं कार्यस्थल पर कोरोना के एक-दो मामले मिलने पर पूरे दफ्तर को बंद करने की जरूरत नहीं है, बल्कि संबंधित हिस्से में ही कामकाज रोककर उसे संक्रमण रहित किया जाए। 48 घंटों के लिए पूरे दफ्तर को तभी बंद किया जाएगा, जब बड़े स्तर पर संक्रमण के मामले आए हों। ऐसे मामले में ऑफिस को खाली कराकर संक्रमण रहित किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस बाबत जारी निर्देशों में ऑफिस में संक्रमण रोकने के बाकी नियम सामान्य हैं। जैसे फेस मास्क लगाने, सामाजिक दूरी का पालन करने, बार-बार हाथ धोने, फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने आदि। कहा गया है कि बैठक आयोजित करने के मामले में कार्मिक मंत्रालय द्वारा तय मानकों का पालन किया जाना चाहिए।
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि यदि कार्यालय में कोई व्यक्ति बीमार पाया जाता है तो उसे तुरंत अलग कमरे में रखें। डॉक्टर द्वारा जांच किए जाने तक अलग रखें। उसे मास्क पहनाकर रखा जाए। साथ ही संदिग्ध मरीजों की सूचना पर सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों को सूचित किया जाए। कार्यालयों को कहा गया है कि यदि कोई कार्मिक कंटेनमेंट जोन में रहता है तो उसे घर से ही काम करने की अनुमति प्रदान करें।