K. W. N. S. - मध्य प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली पहुँच गए है | आज ही वे राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात करेंगे | बताया जाता है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवारों के अरमानों पर पानी फिरने के बाद छत्तीसगढ़ से पार्टी आलाकमान को काफी उम्मीदे है | लिहाजा छत्तीसगढ़ से नामाकिंत होने वाले राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर अंतिम फैसला बुधवार शाम तक हो सकता है l
बताया जाता है कि पार्टी आलाकमान छत्तीसगढ़ से उम्मीदवारी करने वाले दो नेताओं के नामों पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में लेगा | इस बारे में सूत्र बता रहे है कि कांग्रेसी नेता करुणा शुक्ला , वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा , प्रदेश सचिव गिरीश देवांगन , वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और प्रियंका गांधी का नाम छत्तीसगढ़ से प्रस्तावित है | जानकारी के मुताबिक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दिल्ली तलब किया गया है | मध्यप्रदेश में मौजूदा राजनैतिक संकट के मद्देनजर कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की संभावना नजर आ रही है |
फ़िलहाल दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्य की कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है | माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में मौजूदा राजनैतिक समीकरण के चलते कांग्रेस की जीत की संभावना काफी कम हो गई है | ऐसे में छत्तीसगढ़ में एक स्थानीय और एक बाहरी प्रत्याशी को कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में उतार सकती है | यहां दोनों ही सीटों पर उसकी जीत सुनिश्चित है | जबकि मध्यप्रदेश में मामला मजधार में अटक गया है |
उधर मुख्यमंत्री बघेल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के मुद्दे पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है | एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि , हमने हमेशा देखा है कांग्रेस से जाने वाले लोग हमेशा गुर्राते हुए जाते हैं और दुम दबाकर आते हैं और ऐसे अनेक उदाहरण हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा- कुछ तो मजबूरियां रहीं होगी, कोई यूं ही बेवफा नहीं होता।
यह भी बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश में सियासी संकट के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में भी पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने के लिए निगम मंडलों में नियुक्ति पर जोर दिया जा रहा है | जानकारी के मुताबिक राज्य में कांग्रेसियों को रेवड़ी बटने का काम जल्द शुरू हो सकता है | प्रदेश के ज्यादातर निगम मंडलों में दस्तक देने के लिए बड़े पैमाने पर कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दांव खेला है | सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने पहले लोकसभा चुनाव फिर नगरीय निकाय और अब पंचायत चुनाव का हवाला देकर कांग्रेस ने नियुक्तियां टाल दी थी | लेकिन अब मध्यप्रदेश जैसा सियासी संकट अन्य राज्यों में ना फ़ैल जाए , इसके चलते कांग्रेस सतर्क हो गई है | जानकर बता रहे है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य सभा उम्मीदवारों के नामों पर फैसला लेने के बाद निगम मंडलों में नियुक्ति की सूची पर भी पार्टी आलाकमान की मुहर लगवा सकते है |