पाकिस्तान | फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में पाकिस्तान विफल रहा है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक FATF की बैठक में शुक्रवार को यह फैसला लिया गया. यह बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में 16 फरवरी से चल रही थी. इस बैठक में पाकिस्तानी दल का नेतृत्व पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर कर रहे थे. पाकिस्तान को पिछले साल अक्टूबर में आतंक को पनाह देने और फंड मुहैया कराने के कारण ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को फंड देता है |
पाक को 27 प्वाइंट प्लान पर करना होगा काम
पीटीआई ने पाकिस्तानी अखबार के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया है. इस समय अवधि में उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना होगा. अगर वह इसमें कामयाब हो जाता है तो ग्रे-लिस्ट से बाहर आ सकता है. लेकिन अगर वह इस पर अमल करने में विफल रहा तो ब्लैक लिस्ट में जा सकता है. हालांकि पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का कहना है कि वह ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के अपने प्रयास से संतुष्ट है. वह जून तक सभी शर्तों पर काम पूरा कर लेगा और ग्रे लिस्ट से बाहर निकल जाएगा |
पाकिस्तान ने 8 जनवरी को 650 पेज का रिव्यू रिपोर्ट FATF को सौंपा था. एफएटीएफ द्वारा आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने को लेकर पूछे गए 150 सवालों को लेकर यह रिपोर्ट सौंपी गई थी. इस रिपोर्ट में अक्टूबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है |
पाकिस्तान को क्यों डाला था ग्रे लिस्ट में