दुर्ग । भिलाई के रुआबांधा बस्ती में हुए नरबलि प्रकरण के आरोपियों को दी गई फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है. तीन सदस्यी खंडपीट ने हाईकोर्ट के फैसले को न्याय संगत पाया. इस फैसले के बाद अब कथित तांत्रिक लाल यादव, उसकी पत्नी किरण यादल को मौत की सजा होगी. दंपति ने दो साल के बच्चे का अपहरण कर उसकी बलि दे दी थी. बता दें कि इस मामले में सात आरोपियों को तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मार्च 2014 में फांसी की सजा सुनाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा है ।
भिलाई में हुए दिल दहला देने वाले नरबलि कांड में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मुख्य आरोपियों सहित 7 को दी गई फांसी की सजा को बरकरार रखा है. तांत्रिक दंपति सहित मामले के 7 आरोपियों को दुर्ग न्यायालय ने साल 2014 में फांसी की सजा सुनाई थी. दो साल के बच्चे चिराग राजपूत की बलि चढ़ाने वाले दोषी ईश्व लाल यादव और उसकी पत्नी किरण बाई के प्रकरण की सुनवाई के दौरान मानवीय दृष्टिकोण और रिकाॅर्ड में लाए गए साक्ष्यों के आधार अदालत ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए ये फैसला दिया गया ।