दुर्ग । भिलाई सेक्टर-9 के अस्पताल प्रबंधन ने इलाज का बकाया पैसा नहीं देने पर बैगा आदिवासी महिला के शव को बंधक बना लिया. गरीब आदिवासी परिवार मदद के लिए दिनभर भटकता रहा. मानवता को शर्मसार कर देने वाली इस घटना की जानकारी एक पत्रकार ने प्रदेश के डीजीपी को दी. इसके बाद डीजीपी ने आईजी हिमांशु गुप्ता को गरीब परिवार की मदद के लिए निर्देशित किया. हिमांशु गुप्ता ने परिजनों से मिलकर प्रबंधन से बात की और परिवार को शव दिलवाया।
दरअसल आज सुबह बैंगलोर से पीटीआई के वरिष्ठ संवाददाता ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सुचित किया कि शहडोल (मप्र) के बैगा आदिवासी केशव प्रसाद की पत्नी का सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई की बर्न यूनिट में देहांत हो गया है. उन्होंने बताया कि बैगा आदिवासी परिवार ने अपनी संपत्ति को बेचकर ईलाज कराया है, लेकिन अब वे शेष राशि लगभग 80 हजार रुपए का भुगतान करने में असमर्थ हैं, जिसके कारण वे मृतका के शव को ले जाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
यह जानकारी मिलने के बाद डीएम अवस्थी ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल ही आईजी दुर्ग रेंज हिमांशु गुप्ता को बैगा आदिवासी परिवार की सहायता करने के लिए निर्देशित किया।
डीएम अवस्थी के निर्देश पर आईजी दुर्ग रेंज ने तत्काल सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन से इस संबंध में मानवीय आधार पर शहडोल निवासी बैगा आदिवासी परिवार की सहायता करने के लिए अनुरोध किया. सेक्टर-9 अस्पताल के प्रबंधन द्वारा सहृदयता दिखाते हुए तत्काल ही बैगा आदिवासी केशव प्रसाद के उपचार के बिल की बची हुई 80 हजार रुपए माफ की गई एवं आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करते हुए मृतका के शव को परिजनों को सौंप दिया।
डीजीपी ने संवदेनशीलता दिखाते हुए बैगा आदिवासी को दिलाया पत्नी का शव,
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