Saturday, 15 March 2025

संसाधनों की कमी से जूझ रही भाजपा, प्रचार में भी आफत

छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार चलाने के बाद अब भाजपा से जुड़े नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को सत्ता से बाहर होने का अहसास हो रहा है। सरकार से हटने के तीन महीने बाद जब पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए मैदान पर उतरी, तो उसके सामने सबसे बड़ा संकट संसाधनों का हो गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जो पिछले डेढ़ दशक में आम दिनों से लेकर चुनाव में भी हवाई उड़ान भरकर प्रदेशभर का दौरा किया करते थे, अब उनके लिए लंबी दूरी तय करना कठिन हो गया है।
यही नहीं, भाजपा के अन्य बड़े नेता जो सरकार के रहते पूरी तरह संसाधनों से लैस होते थे, अब उनके लिए प्रचार अभियान में निकलना मुश्किल हो गया है। राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि संसाधनों की कमी के कारण भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का प्रचार अधिक दिख रहा है।
छत्तीसगढ़ में 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद से लेकर 2004 लोकसभा, 2008 विधानसभा, 2009 लोकसभा, 2013 विधानसभा 2014 लोकसभा तथा 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से पहली बार ऐसे संकट का दौर आया है। पिछले 15 साल राज्य की सत्ता में रहने के दौरान भाजपा के सामने कभी संसाधनों की कोई कमी नहीं रही, लेकिन अब सियासत की हवा का रुख बदल गया है।
सत्ता से बाहर भाजपा के पास प्रचार अभियान में जाने के लिए आवागमन के साधनों की कमी आ रही है। बताया गया है कि भाजपा के पास हवाई यात्राओं के लिए दो हेलीकाप्टर हैं। इनमें से एक डबल इंजन का है और एक सिंगल का। बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री को जेड प्लस सुरक्षा हासिल है, इसलिए उन्हें डबल इंजन के हेलीकाप्टर में यात्रा अनिवार्य है, लेकिन भाजपा के पास उपलब्ध डबल इंजन का एक हेलीकाप्टर खराब हो गया है, उसे वापस भेज दिया गया है।
अब केवल सिंगल इंजन का हेलीकाप्टर उपलब्ध है। डॉ. रमन सिंह चाहते हुए भी इससे यात्रा नहीं कर सकते हैं। सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसा हुआ है। लिहाजा अब डॉ. रमन के लिए कोई हेलीकाप्टर नहीं है। पार्टी के पास केवल एक सिंगल इंजन हेलीकाप्टर है। इसके भरोसे भाजपा के बड़े-बड़े नेता कहां तक और कितनी उड़ान भर सकते हैं। यही वजह है कि प्रचार के लिए हवाई यात्रा करना बेहद मुश्किल हो गया है।
संसाधनों की है कमी : उपासने
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि यह सही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी के पास संसाधनों की कमी है। प्रचार अभियान के लिए दो हेलीकाप्टर मांगे गए थे, इनमें एक खराब हो गया है। इस कमी के बाद भी भाजपा ने प्रदेश में विधानसभा स्तर पर 90 कार्यकर्ता सम्मेलन किए हैं, जिसमें हर कार्यक्रम में कोई न कोई बड़े नेता शामिल हुआ है। विधानसभा चुनाव के समय तो संसाधन मिल जाते हैं, लेकिन लोकसभा में कमी हो रही है। भाजपा में कम संसाधनों के बीच भी पूरी मेहनत व क्षमता के साथ काम करने की परंपरा रही है।
पिछले करीब ढाई दशकों के दौरान हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम से स्पष्ट होता है कि 2014 के चुनाव को छोड़ दें तब 2009 में एटा, मुजफ्फरनगर, उन्नाव, बुलंदशहर, वाराणसी, कानपुर, पटना, भागलपुर, इलाहाबाद, बलिया, हरिद्वार, फर्रूखाबाद, हरदोई, बक्सर, मुर्शीदाबाद, बेरहमपुर,नबद्वीप, हावड़ा जैसी सीटों पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा था। पिछले लगभग 25 वर्षों में हुए चुनाव में बलिया, मेरठ, इलाहाबाद, फर्रूखाबाद, हरदोई जैसी सीटों पर भाजपा का सपा, कांग्रेस और बसपा से मुकाबला रहा है।
कन्नौज, बदायूं सीट समाजवादी पार्टी खासतौर पर मुलायम सिंह यादव के परिवार का गढ़ रही है। गंगा के किनारे स्थित वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर 1991 से 2014 के बीच सिर्फ एक बार 2004 को छोड़कर भाजपा जीतती रही है। 2004 में यहां से कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। रायबरेली सीट राजनैतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इसका प्रतिनिधित्व कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं।
हरिद्वार सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला रहा है जबकि कानपुर सीट 2014 में भाजपा के और 1999 से 2009 के चुनाव में कांग्रेस के खाते में गई थी। इलाहाबाद सीट पर पिछली बार भाजपा और 2004 एवं 2009 में सपा ने जीत दर्ज की थी। इससे पहले तीन चुनाव में यहां से भाजपा जीती थी। भागलपुर सीट पर पिछले चुनाव में राजद ने जीत दर्ज की थी जबकि 2004 तथा 2009 में भाजपा और1999 में माकपा जीती थी।
पटना साहिब सीट के अस्तित्व में आने के बाद भाजपा ने पिछले दो चुनाव में जीत दर्ज की। वहीं हाजीपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का प्रभाव रहा। मुर्शीदाबाद सीट पर माकपा का प्रभाव रहा है।
हालांकि इस सीट पर 2004 एवं 2009 में कांग्रेस जीती थी। हावड़ा सीट पर 2014, 2009 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस जीती थी। 1999 और 2004 के चुनाव में यह सीट माकपा के खाते में आई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में गंगा नदी के किनारे वाली इन सीटों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुलायम परिवार, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, मनोज सिन्हा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी, रीता बहुगुणा जोशी चुनावी समर में हैं।

  • RO No 13073/127 " A
  • R.O.NO.13073/127 "
  • R.O.NO.13129/146 " C
  • R.O.NO.13073/127 " D
  • RO No 13073/127 "

Address Info.

Owner / Director - Piyush Sharma

Office - Shyam Nagar, Raipur, Chhattisgarh,

E mail - publicuwatch24@gmail.com

Contact No. : 7223911372

MP info RSS Feed