
publicuwatch24.-महासमुंद । महासमुंद जिले में शिक्षा का हाल-बेहाल है। लापरवाही का आलम ये है कि बच्चे खतरों के बीच पढ़ाई कर रहे हैं। सिंघोड़ा स्कूल में तो हालात यह है कि बकायदा बच्चे और शिक्षक स्कूल छाता लेकर पहुंचते हैं। क्योंकि स्कूल में एकमात्र कक्षा है और यहां छत से लगातार पानी टपकता है।
एक फोटो सराईपाली क्षेत्र से वायरल हुई है। जिसमें शिक्षक और टीचर छाता लेकर स्कूल के भीतर खड़े हुए हैं। हकीकत जानने कुछ मीडिया प्रतिनिधि जब स्कूल पहुंचे तो देखा कि बाहर बारिश हो रही थी, बच्चे छतरी लेकर कक्षा में खड़े होकर पढ़ाई कर रहे थे, छत से पानी टपक रहा था।
जानकारी के अनुसार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की उपस्थिति में 23 जून 2024 को एक प्रस्ताव पारित कर इस जर्जर भवन में बच्चों को पढाई के लिए चयन किया है। यह पूरा मामला सरायपाली ब्लाक के सिंघोड़ा संकुल के सागरपाली का है जहां स्कूल भवन जर्जर होने के बाद शिक्षा विभाग के अफसरों ने बच्चों को पढऩे के लिए दूसरे जर्जर भवन में शिफ्ट करने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इस विस्थापित भवन में इन दिनों छत से लगातार पानी टपक रहा है। बच्चों को इस एकमात्र कक्ष में कहीं पांव रखने के लिए भी जगह नहीं है और गीली जमीन में खड़े होकर पढऩे को मजबूर होना पड़ रहा है। टपकती छत के नीचे पढ़ाई करने की मजबूरी के बाद भी शिक्षा विभाग के अफसर झांकने तक नहीं आते। लिहाजा कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।