PU - मुंबई (महाराष्ट्र) । दुनिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन में से एक मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी पूरे दुनिया में चर्चा का विषय रही है, इस विवाह समारोह में देश विदेश की सब बड़ी हस्तियाँ शामिल हुई। मुकेश अंबानी ने छोटे बेटे की शादी में पानी की तरह पैसा बहाया और भव्य आयोजन किया, हालाँकि इतनी बड़ी रकम उनके लिये कोई मायने नहीं रखती। आम शादियों के मुकाबले इस शादी के समारोह ज्यादा दिनों तक चले, लगभग छै माह तक का यह आयोजन था। इन समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या भी काफी ज्यादा थी और ये मेहमान भी बेहद खास थे। बॉलीवुड की हस्तियों से लेकर दुनिया के बड़े गायक और नेताओं तक सभी इस शादी का हिस्सा बने।
धर्म और संस्कृति को भी पूरे तरीके से ध्यान में रखते हुये इन्होने साधू संतों को भी बराबर स्थान और सम्मान दिया, देश के बड़े संत भी शादी के बाद अनंत अंबानी और राधिका को आशीर्वाद देने पहुंचे थे। इस शादी में सभी मेहमानों को बुलाने के लिए मुकेश अंबानी ने पूरे इंतजाम किए थे। ये इंतजाम कितने पुख्ता थे। इसकी कहानी खुद बाबा बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री ने अपने प्रवचन में बताई। बाबा बागेश्वर धाम के फेसबुक हैंडल पर इसका वीडियो भी शेयर किया गया है।
धीरेंद्र शास्त्री के लिए अंबानी ने भिजवाया प्लेन :
धीरेंद्र शास्त्री अपने प्रवचन में बताया कि अनंत अंबानी की शादी के बाद आशीर्वाद समारोह के लिए उन्हें निमंत्रण मिला था। उन्होंने शुरुआत में यह कहकर मना कर दिया कि वह ऑस्ट्रेलिया में हैं। इस वजह से वे वहां नहीं आ सकेंगे। बाद में मिलकर आशीर्वाद देंगे और पूरा एकसाथ दे देंगे। हालांकि, अंबानी परिवार नहीं माने और धीरेंद्र शास्त्री के लिए निजी प्लेन भिजवा दिया। प्लेन में सोने की भी व्यवस्था थी। ऐसे में धीरेंद्र शास्त्री के पास मना करने की कोई वजह नहीं बची, वहीँ उन्होंने बताया की विवाह में जाने के लिये गुरूजी का भी आदेश हुआ।
वह अपने 5-6 शिष्यों के साथ प्लेन में बैठे और सुबह-सुबह मुंबई पहुंच गए। यहां आराम करने के बाद वह शंकराचार्य सहित अन्य सभी संतों से मिले। अनंत और राधिका को आशीर्वाद दिया और उसी प्लेन से वापस भी लौट आए। अम्बानी परिवार ने उनके लिये पूरे आने-जाने की इकठ्ठा व्यवस्था कर दी थी। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने प्रवचन के दौरान अपने चिर-परिचित अंदाज में भक्तों को कहानी बयां की। उन्होंने प्लेन के लिए चील गाड़ी और एयर होस्टेस के लिए सिस्टर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे प्रवचन सुन रहे भक्त अपनी हंसी नहीं रोक पाए।