publicuwatch24.-दिल्ली। देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम वोटिंग कल 30 नवंबर को तेलंगाना में होगा और कल ही शाम पांच बजे मतदान खत्म होते ही देश के सभी एग्जिट पोल सरकार बनने को लेकर अपने-अपने अनुमान न्यूज चैनलों में प्रसारित करेंगे। सभी एग्जिट पोल के नतीजों में अलग-अलग परिणाम होने की संभावना है। अधिकतर एग्जिट पोल करने वाली कंपनियों ने एग्जिट पोल करने के उपरांत पिछले 10 दिनों में हवा का रुख जनता की राय और हो चुके चुनाव पर टिप्पणी को लेकर अलग-अलग विश्लेषण के साथ एग्जिट पोल में शामिल करते हुए एग्जिट पोल बताएंगे। दरअसल मतदान के तुरंत बाद लिए गए मतदाताओं की राय के आधार पर ही एग्जिट पोल आता है जो सटिक होता है लेकिन इस मायने में सिर्फ तेलंगाना के ही अनुमान सटिक हो सकते हैं बाकी राज्यों के अनुमान को एग्जिट पोल के बजाय ओपिनियन पोल कहना ज्यादा सही होगा, क्योंकि इन राज्यों के एग्जिट पोल में अब विश्लेष्कों की राय भी शामिल होगा। एग्जिट पोल का असली मतलब तभी होता चुनाव खत्म के उपरांत मतदाताओं की राय के आधार पर एग्जिट पोल का प्रसारण होता लेकिन आचार संहिता के चलते और अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव होने के कारण चुनाव आयोग ने 30 तारीख के प्रसारण की व्यवस्था की थी जिसके चलते एग्जिट पोल अब एग्जिट पोल ना हो कर विचार, सलाह, राय और अफवाहों का पोल बन ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
अधिकांश एग्जिट पोल कांग्रेस और बीजेपी और अन्य पार्टी को ऐसे आंकड़ों पर उलझा कर अपनी बात सही बताने का प्रयास करेंगे क्योंकि एग्जिट पोल के अनुसार अगर वह अपना प्रसारण 30 तारीख को सही और सटीक करते हैं तो जनता की राय और जनता में चल रही चर्चाओं को सम्मिलित नहीं कर सकते जिसके चलते एग्जिट पोल के दिन की बातें और चुनाव हो जाने के बाद खुलकर मतदाताओं के द्वारा कही गई बातों को मिलान नहीं किया जा सकता। अधिकांश एजेंसियां अपने अनुमान मतदाताओं के द्वारा खुलकर बोले गए बातों पर केंद्रित रखते हैं और लगभग सभी एग्जिट पोल दोनों पार्टी को करीब का और टक्कर का मुकाबला बताने से भी नहीं चुकने वाले जबकि वास्तविकता एग्जिट पोल की राय से कोसों दूर रहने की संभावना है। जानकर यह भी मानते हैं कि एग्जिट पोल दोनों पार्टी को कम से ज्यादा और ज्यादा से कम ऐसे आंकड़ों को दर्शाएंगे जो आंकड़े बाद में एग्जिट पोल की कम्पनी के लिए सुविधाजनक रहे यह बताने के लिए कि हमारा एग्जिट पोल सही था। रहा सवाल एग्जिट पोल के विश्वास पर जिसकी धरातल पर उतरने की संभावना नहीं के बराबर है क्योंकि चुनाव हो जाने के कई दिन के उपरांत एग्जिट पोल अब एग्जिट पोल मतदाताओं द्वारा कही गई बातों, राय और अफवाहों पर केन्द्रीत होगी।
पांचो राज्यों के एग्जिट पोल पर सभी कंपनियों ने ईमानदारी से काम किया होगा यह मानकर भी चला जाए तो क्या एग्जिट पोल के 2 दिन बाद या तीन दिन बाद कंपनियों के सर्वे करने वाले कर्मचारियों पर जनता के द्वारा कही बात और जनता के द्वारा बताए अपने मताधिकार के बारे में पूरा विवरण कैसे कंपनियां या सर्वे करने वाले अपने सर्वे में शामिल नहीं करेंगे यह भी एक सोच का विषय है यह मानकर चलना चाहिए की सभी एग्जिट पोल करने वाले इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि वह अलग-अलग कैटेगरी के अनुसार भी सर्व दे सकते हैं। एग्जिट पोल करने वाली सभी कंपनियों ने अपने एग्जिट पोल को तीन भागों में बताकर एग्जिट पोल किया गया है यह दर्शकों को बताना होगा। राजनीतिक जानकारी यह भी मान रहे हैं कि अब एग्जिट पोल सभी पार्टियों की उत्सुकता बड़ा रहा है सभी पार्टियों को 30 तारीख की शाम का इंतजार बेसब्री से है। अब देखना यह है कि एग्जिट पोल में बताए जाने वाले आंकड़े कितने सटिक होते हैं।