दुर्ग । जिले के किसानों का रूझान काला गेहूं की फसल के प्रति भी बढ़ रहा है। काला गेहूं शुगर फ्री होने के कारण इसका डिमांड अधिक रहता है। वर्तमान में बोनी के लिए इसका बीज पंजाब-हरियाणा से उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के किसान काले धान की खेती करते रहे हैं। अब किसानों का रूझान काले गेंहू की खेती के प्रति बढ़ रहा है। पाटन ब्लाक के अचानकपुर के किसान रोहित साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में काले गेहूं की खेती महासमुंद के मोहन चंद्राकर कर रहे हैं
जोबा के प्रणय कुमार और राजू भी इसकी खेती करते हैं। अचानकपुर के किसान रोहित चंद्राकर भी इसकी खेती कर रहे हैं। रोहित ने बताया कि यह गेहूं शुगर फ्री होता है। इस कारण किसानों का रूझान इसके प्रति बढ़ रहा है। इस बीज की कीमत सौ रुपये प्रति किलो है। रोहित साहू ने बताया कि बोनी के लिए उक्त बीज की आपूर्ति पंजाव व हरियाणा से होती है। किसान मोहन चंद्राकर द्वारा यह बीज मंगाकर राज्य में इसकी खेती करने के इच्छुक किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस बीज की व्हेरायटी भी अलग-अलग है। यह फसल भी 120 से 130 और 130 से 141 में दिन में पककर तैयार होती है। बताया जा रहा है कि किसानों में इसके प्रति रुचि बढ़ाने शासन स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इससे होने वाले लाभ को बताने कृषि विभाग किसानों तक पहुंचने योजना बना रहा है। यदि कृषि विभाग इस योजना में सफल हो जाता है तो बहुत जल्द ही छत्तीसगढ़ में इस काले गेहूं की फसल वृहद मात्रा में किसानों द्वारा ली जाएगी।
बहुत खास हैं ये काला गेहूं शुगर फ्री होने के कारण किसानों का बढ़ने लगा इनकी ओर रूझान
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