रायपुर। गुजरते साल के साथ छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नई तस्वीर नजर आई। राजनीति के दो विपरीत ध्रुव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सोमवार को बिलासपुर में मुलाकात की। दोनों ने आपस में हाथ भी मिलाया। इस दौरान जोगी ने सीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें नए जिलों के गठन की मांग रखी गई है।
बता दें कि कांग्रेस से बाहर होने के बाद अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का गठन करने वाले अजीत जोगी और सीएम भूपेश बघेल एक दूसरे के बड़े विरोधी रहे हैं। एक अर्से बाद दोनों एक मंच पर साथ नजर आए। चुनाव के दौरान दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी भी की थी। मुलाकात के बाद अजीत जोगी ने कहा कि हम दोनों राजनीतिक रूप से एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं, लेकिन जब राज्य में विकास की बात आएगी तो वे साथ खड़े नजर आएंगे।
बिलासपुर के छत्तीसगढ़ भवन में 45 मिनट इंतजार करने के बाद अजीत जोगी की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के लिए अजीत जोगी सपरिवार पहुंचे थे। उनके साथ उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता धरमजीत सिंह, डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी भी मौजूद थे। अमित जोगी ने भूपेश बघेल के पैर छूकर उनका अभिवादन किया। करीब साढ़े तीन मिनट की इस छोटी सी मुलाकात में दोनों एक-दूसरे से बड़ी ही सहृदयता के साथ हाथ मिलाते नजर आए।
इस दौरान अजीत जोगी ने अपनी पार्टी की ओर से एक ज्ञापन सीएम को सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से पेंड्रा, गोरेला और मरवाही को मिलाकर एक अलग जिला बनाए जाने की मांग अजीत जोगी ने रखी है। जोगी ने कहा कि मरवाही क्षेत्र जिला मुख्यालय बिलासपुर से करीब 170 किलोमीटर दूर है। इसे देखते हुए इस क्षेत्र को अलग जिला बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा मनेन्द्रगढ़ और चिरमिरी को भी जिला बनाने की मांग अजीत जोगी ने सीएम भूपेश के समक्ष रखी है।
राजनीति के दो घोर विरोधियों भूपेश और जोगी की आत्मीय मुलाकात
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