K.W.N.S.-नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिंगापुर के समकक्ष ली ह्सियन लूंग मंगलवार को दोनों देशों के बीच यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और पेनाऊ नामक तेज भुगतान प्रणालियों का उपयोग कर सीमा-पार लिंकेज के लॉन्च के गवाह बने। यह फीचर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) के प्रबंध निदेशक, रवि मेनन द्वारा यूपीआई-पेनाऊ लिंकेज का उपयोग कर टोकन लेनदेन के माध्यम से शुरू की गई।
यूपीआई-पेनाऊ लिंकेज किसी भी देश में दो तेज भुगतान प्रणालियों के उपयोगकर्ताओं को उनके संबंधित मोबाइल ऐप का उपयोग कर सुविधाजनक, सुरक्षित, त्वरित और लागत प्रभावी सीमा-पार धन हस्तांतरण करने में सक्षम करेगा।
केवल यूपीआई-आईडी मोबाइल नंबर, या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग कर बैंक खातों या ई-वॉलेट में रखी गई धनराशि को भारत या भारत से स्थानांतरित किया जा सकता है।
शुरुआत में, भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक दोनों तरफ यानि एक देश से दूसरे देश में पैसे भेजने की सुविधा प्रदान करेंगे, जबकि एक्सिस बैंक और डीबीएस इंडिया एक ही देश में पैसे भेज करने की सुविधा देंगे।
सिंगापुर के उपयोगकर्ताओं के लिए, सेवा डीबीएस-सिंगापुर और लिक्विड ग्रुप (एक गैर-बैंक वित्तीय संस्थान) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। समय के साथ अधिक संख्या में बैंकों को लिंकेज में शामिल किया जाएगा।
भाग लेने वाले बैंकों के ग्राहक बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग कर सिंगापुर में पैसे भेज सकते हैं।
प्रारंभ में, एक भारतीय उपयोगकर्ता एक दिन में 60,000 रुपये (लगभग एसजीडी 1,000 के बराबर) भेज सकता है। लेन-देन करते समय, उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए सिस्टम गणना करेगा और दोनों मुद्राओं में राशि प्रदर्शित करेगा।
यह इंटरलिंकेज तेजी से, सस्ता और अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतान चलाने की जी20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के साथ संरेखित है और भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।