विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत रखी जा रही नजर
नई दिल्ली। देश में इस समय चीन की 174 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, सरकार ने सोमवार को सदन को सूचित किया कि देश में 174 चीनी कंपनियां पंजीकृत हैं, जो विदेशी कंपनियों के रूप में भारत में कॉर्पोरेट मंत्रालय के साथ व्यापार करती हैं।
सरकार ने यह भी कहा कि सीडीएम डेटाबेस के अनुसार, भारत में 3,560 ऐसी कंपनियां हैं, जिनमें चीनी निदेशक हैं। सरकार ने बताया है कि चीनी निवेशकों या शेयरधारकों वाली कंपनियों की सही-सही संख्या बताना संभव नहीं है, क्योंकि एमसीए प्रणाली में डेटा अलग से नहीं रखा जाता है। सीडीएम एक प्रकार का डेटा मॉडल है, जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रणालियों और डेटाबेस में प्रक्रियाओं को एकीकृत तरीके से प्रस्तुत करना है।
फिलहाल कंपनियों को बैन करने का इरादा नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने घरेलू कंपनियों में चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए हैं या उठाने का प्रस्ताव है, सरकार ने कहा कि उसने कंपनियों के कामकाज को विनियमित करने के लिए कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कुछ नियमों में संशोधन किया है। इसमें निदेशकों की नियुक्ति, प्रतिभूतियों का हस्तांतरण और उन्हें जारी करने की व्यवस्था, अंडरटेकिंग समझौता आदि हैं।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन नियमों के तहत किए गए बदलाव
सरकार ने संसद को जानकारी देते हुए कहा कि कुछ संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) नियम, 2019 के तहत किए गए हैं। भारत सरकार ने सरकारी अनुमोदन के बारे में कहा कि इन कंपनियों के लिए गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है।