
K.W.N.S.-देशभर में दुर्गा पूजा और नवरात्रि पर्व की धूम मची है आज यानी 3 अक्टूबर दिन सोमवार को शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन है जो देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा आराधना को समर्पित है धार्मिक तौर पर नवरात्रि पर्व की अष्टमी और नवमी तिथि को बेहद ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है इन दो दिनों में माता रानी की विधिवत पूजा, जप, अनुष्ठान, सेवा, उपाय आदि करने से जीवन में खुशहाली आती है और परेशानियों व कष्टों का अंत हो जाता है ऐसे में आज दुर्गा अष्टमी के शुभ दिन पर मां महागौरी की पूजा कर कई भक्त नवरात्रि व्रत का पारण करते हैं मान्यता है कि आज के दिन अगर कुछ कार्यों को पूरी निष्ठा के साथ किया जाए तो भक्तों को नवरात्रि के नौ दिनों का अनंत फल देवी मां प्रदान करती है, तो आज हम आपको उन्हीं कार्यों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि की अष्टमी पर संधिकाल पूजन को फलदायी मान गया है अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी तिथि के आरंभ होने के शुरुआती 24 मिनट को संधिक काल कहा जाता है इस समय माता रानी की पूजा करना शुभ होता है इस दौरान कि जाने वाली आराधना व साधना से माता बहुत प्रसन्न होती है। संधि पूजा का मुहूर्त— शाम 4 बजकर 13 मिनट से शाम 5 बजकर 1 मिनट तक ऐसा कहा जाता है कि महाष्टमी पर कन्या पूजन जरूर करें आज के दिन नौ कन्याओं का पूजन करने से व्रत पूर्ण होता है इस दिन नौ कन्याओं के साथ एक बटुक बालक को भी आमंत्रण दें और उनकी पूजा करने के बाद उन्हें माता का प्रिय भोग खिलाएं ऐसा करना शुभ माना जाता है। अगर आप आज अष्टमी पर व्रत पारण कर रहे हैं तो इस दिन देवी मां के समक्ष हवन जरूर करें वरना नवरात्रि व्रत का कोई फल प्राप्त नहीं होगा। नवरात्रि की अष्टमी पर देवी मां को लाल चुनरी और पांच तरह के फल, मिठाई और एक सिक्का रखकर जरूर अर्पित करें ऐसा करने से माता प्रसन्न होकर शुभ समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती है।