
K.W.N.S.-नवरात्रि दिवस 1 अवतार शैलपुत्री पूजा, प्रसादम: यह नवरात्रि है... नवरात्रि का पहला दिन 26 सितंबर को शुरू हुआ और त्योहार 5 अक्टूबर को समाप्त होता है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। "शैल" का अर्थ है पर्वत और "पुत्री" का अर्थ है बेटी और शैलपुत्री का अर्थ है पहाड़ों की बेटी। देवी शैलपुत्री को मूल चक्र या मूलाधार चक्र की देवी माना जाता है। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: कलश स्थापना या घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:11 बजे से 07:51 बजे तक और घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त 11:48 पूर्वाह्न से 12:36 बजे तक है। नवरात्रि 2022 प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर, 2022 को सुबह 03:23 बजे शुरू होती है और 27 सितंबर, 2022 को 03:08 बजे समाप्त होती है। शैलपुत्री पूजा विधानम: सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और घी या सरसों या तिल के तेल से दीपक जलाकर वेदी पर रखें। शैलपुत्री मंत्रों का जाप करें मां शैलपुत्री पूजा मंत्र: Om देवी शैलपुत्र्यै नमः वंदे वंचितलभय चंद्राधाकृतशेखरम। वृषरुधम शुलधरम शैलपुत्रिम यशस्विनीम्॥ मां शैलपुत्री ध्यान मंत्र: या देवी सर्वभूटेशु माँ शैलपुत्री रूपेना संस्था। नमस्तास्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः शैलपुत्री आरती गीत: शैलपुत्री मां जमानत पर सवार, करे देवता जयजयकार शिव शंकर की प्रिया भवानी, तेरी महिमा किसने न जानी पार्वती तू उमा कहलावे, जो तुझे सिमरे सो सुख पावे रिद्धि सिद्धि परवन करे तू, दया करे धनवान करे तू सोमवार को शिव संग प्यारी, आरती तेरी जिसे उतरी उसकी सागर आस पूजा दो, सागर दुख तकलीफ मिला दो घी का सुंदर गहरा जलके, गोला गरी का भोग लगाके श्रद्धा भाव से मंत्र गए, प्रेम साहित्य फिर शीश झुके जय गिरिराज किशोरी अम्बे, शिवमुख चंद्र चकोरी अम्बे मनोकामना पूर्ण केरी दो, भक्त सदा सुख संपदा भर दो। पहनने के लिए रंग और नैवेद्यम: सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। नवरात्रि के पहले दिन देसी घी से प्रसाद बनाएं।