नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जल्द ही एक और बड़ी सफलता मिल सकती है। नाक के रास्ते से दी जाने वाली वैक्सीन का बूस्टर ट्रायल सफल रहा है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारत की इस फार्मा कंपनी ने कहा कि उसने अपने इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन बीबीवी 154 के लिए चरण-III और बूस्टर डोज का ट्रायल पूरा कर लिया है और यह सुरक्षित साबित हुई है। कंपनी ने कहा कि ट्रायल बेहतर तरीके से सहन करने योग्य और प्रतिरक्षाजनक साबित हुआ है।
टीका निर्माता ने यहां जारी बयान में कहा कि संभावित टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण सफल रहे थे। बीबीवी154 को खासतौर पर नाक के जरिये शरीर में पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है। नाक के जरिये टीके की खुराक देने के अलावा इसे इस तरह से डिजाइन व विकसित किया गया है जिससे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए यह मूल्य के लिहाज से किफायती हो। बयान के मुताबिक बीबीवी154 को सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय की साझेदारी में तैयार किया गया है।
प्री क्लीनिकल सुरक्षा आकलन,बड़े पैमाने पर निर्माण, फॉर्मूला और मानव पर क्लीनिकल परीक्षण सहित वितरण प्रणाणी पर काम भारत बायोटेक ने किया। केंद्र सरकार ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के तहत उत्पाद के विकास और क्लीनिकल परीक्षण के लिए आंशिक वित्तपोषण किया। बयान के मुताबिक बीबीवी154 के प्राथमिक खुराक (शुरुआती दो खुराक) के तौर पर प्रभाव और कोविड-19 के अन्य टीके की दो शुरुआती खुराक लेने वालों को तीसरी खुराक पर बीबीवी154 को देने पर होने वाले असर का आकलन किया गया।
भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा के इल्ला ने कहा, ‘‘ आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमें बीबीवी154 इंट्रानैसल टीके का सफल क्लीनिकल परीक्षण पूरा होने की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। हम नवोन्मेष और उत्पाद के विकास को लेकर प्रतिबद्ध और केंद्रीत थे और भारत बायोटेक की बहु विषयक टीम की यह एक और उपलब्धि है।’’ उन्होंने कहा कि अगर इसे मंजूरी दी जाती है तो इंटरनैसल टीके से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान को अंजाम देने में आसानी होगी।