नई दिल्ली। महंगाई की आग में झुलस रहे आम आदमी के लिए थोड़ी सी रहात हरी सब्जियां दे रही हैं। चंद महीने पहले तक 60 से 80 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकने वाली सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आई है। नेनुआ, भिंडी, तोरई, करेला, लौकी के भाव औंधेमुंह गिरकर गांव-कस्बों के खुदरा बाजारों में 5 रुपये पर आ गए हैं, जबकि शहरों में अभी भी हरी सब्जियां 20 से 30 रुपये किलो बिक रही हैं।
शादियों के सीजन के चलते हरी सब्जियों की डिमांड कम हो गई है। इसका असर ये है कि किसानों को अपनी सब्जियों की लागत तो छोड़िये, मंडी तक पहुंचाने का किराया भी नहीं निकल रहा है। रविवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के मथौली कस्बे में नेनुआ, भिंडी, तोरई, करेला, लौकी 5 रुपये किलो बिक रहे थे। वहीं, परवल 30 रुपये और टमाटर 60 रुपये किलो था।
अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले एक महीने में टमाटर का खुदरा औसत भाव 54.74 प्रतिशत उछलकर 26.27 रुपये से 41.11 रुपये पर पहुंच गया है। वहीं प्याज 9.18 फीसद सस्ता हुआ है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्याज 26.36 रुपये के औसत भाव से 23.94 रुपये पर आ गया है। शादी समारोहों में आलू की मांग को देखते हुए यह एक महीने में 7.82 फीसद चढ़कर 21.36 रुपये से 23.03 रुपये पर पहुंच गया है। हालांकि अधिकतर खुदरा बाजारों में इसकी कीमत 10 से 20 रुपये प्रति किलो के बीच है।
हरी सब्जियों के भाव में आम आदमी के लिए रहात , भिंडी, तोरई, करेला, लौकी 5 रुपये किलो
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