नई दिल्ली। यूक्रेन में जारी युद्ध के संकट के बीच वहां फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए भारत ने बड़ा अभियान चलाया है। यूक्रेन से 15 हजार लोगों को निकालने के उद्देश्य से चलाए गए इस अभियान को 'ऑपरेशन गंगा' नाम दिया गया है। भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि लोगों को भारत लाने का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
युद्ध के बीच यूक्रेन के एयरस्पेस को बंद कर दिया गया है। ऐसे में वहां से लोगों को निकालने में दिक्कत आ रही है। भारत में यूक्रेन के पड़ोसी देशों जैसे कि रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध करवाई है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक यूक्रेन में भारत के करीब 20 हजार लोग हैं जिसमें बहुत सारे छात्र शामिल हैं।
अब तक चार हजार लोग भारत वापस आ चुके हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत पांचवां विमान सोमवार को दिल्ली पहुंचा। इनमें से दो बुडापेस्ट से भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंचा है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्वदेश लौटने वाले लोगों का एयरपोर्ट पहुंचकर स्वागत भी किया। इस बीच केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने भी कहा है कि भारत अपने एक-एक नागरिक को वापस लाएगा।
विदेश मंत्रालय ने 'OpGanga Helpline' नाम से एक ट्विटर हैंडल भी शुरू किया है। इसके लिए एक 24 घंटे का कंट्रोल सेंटर शुरू किया गया है। इसके जरिए उन लोगों से भी संपर्क किया जाएगा जो कि रोमानिया, स्लोवाकिया, पोलैंड या फिर हंगरी का बॉर्डर क्रॉस करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई।
जानकारी के मुताबिक मोदी कैबिनेट के चार मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देश जाएंगे। इन्हें भारत का विशेष दूत बनाकर भेजा जाएगा। इसमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू और जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह का नाम है।