नई दिल्ली। भारतीय रसोई में रोटी ज्यादा से ज्यादा बनने वाले भोजन में से एक है। साल भर गेहूं से बनी रोटियां खाई जाती हैं, लेकिन सर्दियों में लोगों का मूड और टेस्ट दोनों बदल जाता है। इस दौरान उत्तर भारत में मक्के की रोटी, बाजरे की रोटी, मिस्सी रोटी, बथुआ की रोटी या पराठों का भरपूर आनंद लिया जाता है। हालांकि, कुछ लोगों को पेट की समस्या के कारण ग्लूटन फ्री आंटे का उपयोग करने के लिए कहा जाता है। वैसे तो बाजार में कई तरह के ग्लूट फ्री आंटे के ब्रांड मौजूद हैं। लेकिन आप सिंघाड़े के आंटे की रोटी अपने डायट में शामिल कर सकते हैं, जो घरेलू रूप ले आपके ग्लूटन फ्री आंटे का काम करेगा।

1. वजन मैनेज करने में लाभदायक

अपने आहार में इष्टतम फाइबर होने और कम कैलोरी वाला भोजन खाने से आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से अधिक समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता। उच्च फाइबर भी शर्करा और खाद्य पदार्थों के अवशोषण में देरी के लिए जाना जाता है। ये सभी लाभ स्वस्थ शरीर के वजन में योगदान कर सकते हैं।

2. रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है

सिंघाड़े में फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी6, राइबोफ्लेविन और कॉपर समेत तमाम गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व संक्रमण को रोकने, एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने में मदद कर सकते हैं। जिससे आप कम बीमार पड़ेंगे।

3. पाचन शक्ति बढ़ाता है

फाइबर की अच्छी मात्रा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है। फाइबर के सेवन से कब्ज और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

4. तनाव कम करें

तनाव की समस्या लोगों में बहुत आम हो चुकी है। अपने आहार में सिंघाड़े को शामिल करने से तनाव के स्तर को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है, यह सब विटामिन बी 6 के के कारण है जिसे मूड बूस्टर के रूप में जाना जाता है और यह सिंघाडे़ में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

5. कोलेस्ट्रॉल के लिए अच्छा है

रक्त में कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा दिल की समस्याओं का कारण बन सकती है। यह कोलेस्ट्रॉल ब्लड वैसेल्स में जमा हो सकते हैं और दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकता हैं। सिंघाड़े की उच्च फाइबर सामग्री आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय की समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।